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Indo-China Face Off: तवांग झड़प पर आई चीन की पहली प्रतिक्रिया, कहा- इंडियन आर्मी ने अवैध तरीके से LAC क्रॉस किया
तवांग झड़प पर आई चीन की पहली प्रतिक्रिया दी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, जहां तक हम समझते हैं, चीन भारत सीमा की स्थिति समग्र रूप से स्थिर है।
Indo-China Face Off: अरूणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में सैन्य झड़प पर चीन ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। लंबे समय तक घटना पर खामोशी बनाए रखने के बाद ड्रैगन की आज पहली प्रतिक्रिया आई है। चीन ने सीमा पर दोनों देशों के बीच स्थिति 'स्थिर' होने का दावा किया है। अभी तक इस मामले पर केवल भारत की तरफ से ही सारी जानकारी सामने आई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानी मंगलवार को लोकसभा में तवांग मुद्दे पर बयान भी दिया है।
अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में चीनी और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प पर चीन की सेना की ओर से पहली प्रतिक्रिया आई है। इस झड़प पर चीनी सेना ने इंडियन आर्मी पर गंभीर आरोप लगाए। चीनी की सेना ने कहा, भारतीय सेना के जवानों ने अवैध तरीके से विवादित सीमा को लांघा था, जिसके बाद झड़प शुरू हुई। चीनी सेना के प्रवक्ता (Chinese military spokesman) ने ये भी कहा कि, भारतीय सैनिकों ने अवैध तरीके से LAC क्रॉस किया। और चीनी सैनिकों के काम में रुकावट डालने का प्रयास किया। जिसके बाद दोनों तरफ से विवाद लगातार बढ़ता गया।
चीन भारत सीमा की स्थिति समग्र रूप से स्थिर है: प्रवक्ता
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, जहां तक हम समझते हैं, चीन भारत सीमा की स्थिति समग्र रूप से स्थिर है। 9 दिसंबर को अरूणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के आमने – सामने के बाद चीन की ये पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया है। अमूमन भारत के खिलाफ मुखर होकर बोलने वाला चीनी मीडिया भी अब तक इस पर खामोशी की चादर ओढ़े हुए है।
जवानों ने चीनियों को खदेड़ा: राजनाथ
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोपहर 12 बजे लोकसभा में कहा – 9 दिसंबर 2022 को पीएलए के जवानों ने तवांग में एलएसी का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे। भारतीय सेना ने पीएलए को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस घटना में दोनो ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मौत हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से जख्मी हुआ है।
अपने तीन मिनट के संबोधन में रक्षा मंत्री ने आगे कहा, हमने समय पर हस्तक्षेप किया, जिसके परिणामस्वरूप चीनी सैनिक वापस चले गए। हमारी सेनाएं भौमिक अखंडता को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह संसद बिना किसी संशय के भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और क्षमता का अभिनंदन करेगी। सिंह ने बताया कि इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है।
बता दें कि सदन में बयान देने से पहले राजनाथ सिंह ने एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए थे।