TRENDING TAGS :
हाई-अलर्ट पर भारत: चीन-पाकिस्तान तैयार कर रहे ये हथियार, किया ये समझौता
चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी चरम सीमा पर है। चीन लगातार पाकिस्तान को एक से बढ़कर एक हथियार दे रहा है। जिसके चलते पाकिस्तान भारत में साजिश रचने की फिराक में नए-नए आयामों को गति दे रहा है।
इस्लामाबाद: चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी चरम सीमा पर है। चीन लगातार पाकिस्तान को एक से बढ़कर एक हथियार दे रहा है। जिसके चलते पाकिस्तान भारत में साजिश रचने की फिराक में नए-नए आयामों को गति दे रहा है। ऐसे में अब एक और धारदार खुलासा हुआ है, कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की पनाह में जैविक हथियार बनाने का काम कर रहे हैं। इस बारे में रिपोर्ट ने दावा किया है कि ये हथियार पिछले 5 सालों से बनाए जा रहे हैं और इस पूरे खेल में कोरोना वायरस महामारी के लिए बदनाम वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी भी शामिल है।
ये भी पढ़ें... नई दिल्लीः संसद भवन के पास हिरासत में लिया गया संदिग्ध व्यक्ति, पास से मिली कोडवर्ड में लिखी चिट्ठी
3 साल का सीक्रेट समझौता
इसके साथ ही इस रिपोर्ट के अनुसार, वुहान की लैब को इस पूरे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वुहान के वैज्ञानिक पाकिस्तान में साल 2015 से ही खतरनाक वायरस पर रिसर्च कर रहे हैं। ये रिसर्च मुख्य तौर पर वायरस को हथियार में बदलने से संबंधित है।
ऐसे में चीन-पाकिस्तान ने जो समझौता किया है उसका एक हिस्सा सीक्रेट रखा गया है क्योंकि ये जैविक हथियारों से जुड़ा है। चीन और पाकिस्तान ने बॉयो-वारफेयर की क्षमता को बढ़ाने के लिए 3 साल का ये सीक्रेट समझौता हुआ है और इस पर काम भी शुरू हो गया है।
रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि दोनों देशों के वैज्ञानिकों की एक संयुक्त स्टडी बाकायदा मेडिकल जर्नल में छप चुकी है जिसमें इस तरह के खतरनाक वायरस का जिक्र है। यह रिसर्च दिसंबर 2017 से लेकर इस साल मार्च तक की गई थी।
ये भी पढ़ें...लखीमपुर: लड़की के साथ बलात्कार कर हत्या मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने यूपी राज्यपाल महोदया को किया ट्वीट
वायरस को हथियार में तब्दील करने पर काम
इस रिपोर्ट में 'जूनोटिक पैथाजंस (जानवरों से इंसानों में आने वाले वायरस)' की पहचान और लक्षणों के बारे में बताया गया है। इस रिसर्च में पाकिस्तान ने वुहान इंस्टीट्यूट को वायरस संक्रमित सेल्स मुहैया कराने के लिए शुक्रिया भी कहा था। इस रिसर्च को CPEC के तहत मिले सहयोग का भी जिक्र किया गया है।
ऐसे में रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, इस रिसर्च में वेस्ट नील वायरस, मर्स-कोरोनावायरस, क्रीमिया-कॉन्गो हेमोरजिक फीवर वायरस, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम वायरस और चिकनगुनिया को हथियार में तब्दील करने पर काम चल रहा है। रिपोर्ट में चीन और पाकिस्तान के बीच एक समझौता किया गया है। जिसके चलते दोनों देश संक्रामक बीमारियों पर रिसर्च कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें...महिला सुरक्षा पर प्रियंका ने योगी सरकार को घेरा, राज्यपाल से बोलीं- गंभीरता को समझें
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।