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Global Times on G20 Summit: 'भारत व्यवधानों को दूर कर सफलता की कहानी लिखेगा', G-20 समिट पर ग्लोबल टाइम्स का लेख
Global Times on G20 Summit: जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर कई ताकतवर देशों के नेता भारत पहुंचे हैं। चीन की तरफ से राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह वहां के प्रधानमंत्री ली क्यांग जी 20 समिट में हिस्सा ले रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स ने इस पर अपना संपादकीय लिखा है।
Global Times on G20 Summit 2023: G20 शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। दुनिया के कई ताकतवर देशों के नेता दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'भारत मंडपम' में सभी मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया। 9 और 10 सितंबर को भारत मंडपम में होने वाले शिखर सम्मेलन में कई वैश्विक मुद्दों पर सभी सदस्य देशों के नेता चर्चा करेंगे। G20 की बैठक से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) गायब हैं। उनकी जगह प्रधानमंत्री ली क्यांग समिट में शामिल हुए हैं।
इस बीच, G20 समिट को लेकर चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times on G20 Summit 2023) का बयान आया है। समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में लिखा है कि, 'भारत इस वर्ष के G20 शिखर सम्मेलन के दौरान आर्थिक सुधार और बहुपक्षीय कूटनीति (Multilateral Diplomacy) पर चर्चा कर ध्यान केंद्रित करना चाहता है। हालांकि, यह अमेरिका और पश्चिम देशों के चाहत से अलग है। ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा है कि, हमें उम्मीद है कि इस वर्ष दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन व्यवधानों को दूर करेगा। एक सफलता की कहानी बनाएगा।'
अख़बार के निशाने पर अमेरिका
चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, 'लेकिन अमेरिका और पश्चिमी देशों, जो अक्सर दावा करते हैं कि वे भारत के साथ खड़े हैं, ने G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले देशों के बीच 'मतभेदों' को प्रचारित करने के लिए बहुत प्रयास किए। वे आर्थिक सहयोग के लिए एक प्रमुख विश्व मंच पर अपने एजेंडे को बढ़ावा देना चाहते हैं। लेख में आगे लिखा है, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इस साल नई दिल्ली में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023 Delhi) को पहले से कहीं अधिक शोर और अधिक मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ सकता है। अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि इसके इतिहास में पहली बार संयुक्त बयान जारी नहीं किया जा सकता है।'
ग्लोबल टाइम्स ने की विभिन्न मुद्दों की चर्चा
ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि, 'भारत ने G20 समिट के लिए 6 प्राथमिकताओं की घोषणा की है। इनमें हरित विकास (Green Growth) और जलवायु वित्त (Financing Climate Targets), समावेशी विकास, डिजिटल अर्थव्यवस्था (digital economy), सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, प्रौद्योगिकी परिवर्तन तथा सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए महिला सशक्तिकरण (women empowerment) में सुधार है। जहां तक उस मुद्दे का सवाल है जिस पर पश्चिमी देश सबसे अधिक ध्यान दे रहे हैं, वह है रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia–Ukraine conflict)। कई मीडिया आउटलेट्स ने नोट किया कि भारत ने इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यूक्रेनी नेता को आमंत्रित नहीं किया। इसके अलावा, चीनी अखबार अपने लेख में कई मुद्दों का जिक्र किया।