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जिनपिंग : चीन के किसी भी हिस्से को अलग नहीं करने देंगे, संप्रभुता नष्ट करने की इजाजत नहीं
बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को कहा कि चीन किसी को भी अपने क्षेत्र के एक टुकड़े को भी अलग करने और अपनी संप्रभुता को नष्ट करने की इजाजत नहीं देगा।
शी ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 90वीं वर्षगांठ के मौके पर ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में अपने संबोधन में सेना को मुकाबले के लिए हमेशा तैयार रहने को कहा।
उन्होंने कहा कि चीनी सेना कभी आक्रमण नहीं करेगी, लेकिन उन्हें भरोसा है कि यह 'सभी तरह के आक्रमणों को परास्त कर देगी।'
शी ने कहा, "हम किसी भी व्यक्ति, किसी संगठन, किसी राजनीतिक दल को कभी और किसी भी तरह चीनी क्षेत्र का एक भी टुकड़ा अलग नहीं करने देंगे।"
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उन्होंने कहा, "किसी को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि हम अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले परिणामों को स्वीकार कर लेंगे।"
शी ने रविवार को इनर मंगोलिया में एक परेड के दौरान चीनी सेना को संबोधित करते हुए कहा था कि पीएलए आक्रमणकारी दुश्मनों को शिकस्त देने में सक्षम है।
चीन का कई देशों से कई क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर विवाद रहा है। हालांकि, उसने दो देशों - भारत और भूटान को छोड़कर सभी 14 देशों से अपने विवादों का निपटारा कर लिया है।
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चीन, भारत के अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है और उसे दक्षिणी तिब्बत कहता है। वहीं, भारत पश्चिमी क्षेत्र में अक्साई चीन पर अपना दावा जताता है, जो चीन के नियंत्रण में है।
भारत और चीन के बीच दशकों पुराने विवादों में डोकलाम को लेकर एक नया विवाद जुड़ गया है, जहां दोनों देशों की सेना के बीच टकराव की स्थिति है।
सिक्किम स्थित डोकलाम, चीन और भूटान के बीच विवादित स्थान है। भूटान का सहयोगी भारत इस पर भूटान का अधिकार मानता है।
चीन चाहता है कि भारत, डोकलाम से अपनी सेना वापस बुला ले। वहीं, भारत चाहता है कि डोकलाम से भारतीय और चीनी दोनों सेनाएं एक साथ हटें।