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UFO से बढ़ा खतरा: चीन में एलियन यानों की भीड़, सेना ने लगाए ट्रैकिंग सिस्टम
चीन में बीते कुछ दिनों से एलियन यान(Alien Spacecraft) मतलब UFO देखने की कई घटनाओं में तेजी आई है।
नई दिल्ली: चीन से एलियन यान को लेकर बड़ी खबरें सामने आ रही हैं। चीन में बीते कुछ दिनों से एलियन यान(Alien Spacecraft) मतलब UFO देखने की कई घटनाओं में तेजी आई है। ऐसे में इन एलियन यान को ट्रैक करने के लिए चीनी सेना ने नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ट्रैकिंग सिस्टम बनाया है।
चीनी सेना द्वारा बनाए गए नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ट्रैकिंग सिस्टम से इन एलियन यानों के आने-जाने पर हर समय नजर रखी जा सकेगी। लेकिन चीन की सेना ने यह भी कहा है कि जरूरी नहीं कि ये एलियन यान ही हों, लेकिन ऐसे में सुरक्षा की नजर से इनको ट्रैक किया जाना जरूरी है।
एलियन यान की संख्या ज्यादा
ऐसे में चीनी सेना ने ऐसी घटनाओं को अनआइडेंटीफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (UFO) के बजाय अनआइडेंटीफाइड एयर कंडीशन (UAC) नाम दिया है। बिल्कुल इसी तरह से अमेरिकी सेना इसे अनआइडेंटीफाइड एरियल फिनोमेना (UAP) कहती है।
हालाकिं पूरी दुनिया की सेनाएं कुछ भी नाम दें, सामान्यत् लोग इन्हें UFO या एलियन यान के नाम से ही जानते हैं। इनके बारे में सुनने मात्र से ही लोगों में हमेशा एक उत्सुकता बनी रहती है।
इस बारे में वुहान स्थित एयरफोर्स अर्ली वॉर्निंग एकेडमी के शोधकर्ता चेन ली ने बताया कि पिछले कुछ सालों में पूरे देश में मिलिट्री और आम लोगों ने ऐसे अनजाने यानों और आकृतियों को आसमान में उड़ते हुए देखा है जिसे पहले कभी नहीं देखा गया।
आगे बताया गया कि चीन के ऊपर इनकी उड़ानों और दिखने की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसकी वजह से देश की हवाई सुरक्षा को खतरा है। चेन ने 2019 में बीजिंग में हुए सीनियर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी साइंटिस्ट कॉन्फ्रेंस में भी यह बात लोगों को बताई थी।
वहीं इसके बाद चीन की सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के वैज्ञानिकों ने इन एलियन यानों को ट्रैक करने के लिए AI आधारित ट्रैकिंग सिस्टम बनाया। रिसर्चकर्ता चेन ली ने बताया कि AI का उपयोग एक अलग तरह का डेटा हमें देगा, जो सटीक होगा। क्योंकि यह पूरे देश से आने वाली खबरों के डेटा को एकसाथ रखेगा। उन्हें जोड़ेगा। समय और स्थान की डिटेल रखेगा।इससे तस्वीरें और वीडियो संभालेगा।
दुश्मन देश की चाल
जिससे यह पता चल सके कि यह हवाई घटनाएं किसी दुश्मन देश की साजिश तो नहीं हैं। ऐसे में ट्रैकिंग डिवाइस के जरिए सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। किसी एमेच्योर पायलट की उड़ान या प्राकृतिक रूप से दिखने वाली कोई अनजान चीज या कोई और वजह तो नहीं है।
रिसर्चकर्ता चेन ली के अनुसार, चीन की PLA के पास ऐसे UFO के ट्रैक करने के लिए थ्री-टायर रिपोर्टिंग सिस्टम है। ऐसे में सबसे पहला है मिलिट्री राडार स्टेशन, एयरफोर्स पायलट, पुलिस स्टेशन और मौसम केंद्र. दूसरे लेवल पर चीन की सेना के रीजनल मिलिट्री कमांड प्राथमिक विश्लेषण करती है।
आगे उन्होंने कहा क्षेत्रीय स्तर पर जमा किए गए डेटा को नेशनल डेटाबेस से जोड़ती है। यहां पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सेना खतरे का एनालिसिस करती है। जिसमें उड़ने वाली वस्तु का व्यवहार, दिखने का दर, एयरोडायनेमिक्स डिजाइन, रेडियोएक्टिविटी, संभावित निर्माण सामग्री और स्थानीय या सेना द्वारा जुटाई गई जानकारी।
इस पर AI ने सारी जानकारी जुटाकर एक साथ पूरा एनालिसिस करके ये बताता है कि यह सच में एलियन यान था, या फिर कुछ और. कई बार सैन्य ठिकानों या राजनीतिक रैलियों के ऊपर किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा अनजाने में ड्रोन, या छोटे एयरक्राफ्ट भी उड़ा दिए जाते हैं।
वहीं राडार साइंटिस्ट ने ये भी कहा कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी गतिविधियां बढ़ने की वजह से भी चीन ऐसे उड़ने वाली वस्तुओं पर गंभीरता से सोच रहा है। उनके लिए तैयारियां कर रहा है। क्योंकि ऐसे एलियन यानों के उड़ने की संख्या बढ़ी है, जिसे तत्काल एक्सप्लेन नहीं किया जा सकता।