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तालिबान के डर से ड्रैगन के फूले हाथ-पांव, पाकिस्तान में चीन ने तैनात की अपनी टॉप सुरक्षा एजेंसियां
पाकिस्तान (Pakistan) की जमीन पर अब चीन (China) की सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। यह संख्या अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद और बढ़ी है।
CPEC सुरक्षा में अतिरिक्त फोर्स तैनात (Photo- Social Media)
नई दिल्ली: आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान (Pakistan) की जमीन पर अब चीन (China) की सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। यह संख्या अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद और बढ़ी है। हालांकि पाकिस्तान में चीनी सुरक्षा कर्मियों (Chinese security personnel) और सेना के जवानों समेत अधिकारियों की बढ़ रही तैनाती को सामान्य नजरिए से नहीं देखा जा रहा है।
जानकारों की मानें तो एक विशेष प्रोजेक्ट की सुरक्षा के नाम पर चीन ने पाकिस्तान में अपनी टॉप सिक्योरिटी एजेंसी को लगा रखा है। चीन सुरक्षा के नाम पर भारत की जासूसी के साथ पाकिस्तान से जुड़ने वाले समुद्री तटों से अपनी ताकत भी बढ़ाना चाह रहा है। उधर चीन की इस खतरनाक चाल का पाकिस्तान में विरोध भी चल रहा है। पाकिस्तान के एक धड़े ने खुद को गुलामी की ओर ले जाने की बातें भी शुरू कर दी हैं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में बनने वाले चीन और पाकिस्तान के ड्रीम प्रोजेक्ट 'चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर' (CPEC, China-Pakistan Economic Corridor) को तैयार करने में लगे अधिकारी और इंजीनियरों की सुरक्षा के नाम पर चीन ने अपने देश की सुरक्षा एजेंसियों और सेना के सुरक्षा कर्मियों को पाकिस्तान में तैनात कर दिया है।
दरअसल, अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानियों (Taliban) की वापसी के बाद सबसे ज्यादा खलबली अगर कहीं मची हुई है तो चीन और पाकिस्तान में है, क्योंकि पाकिस्तान के जिस बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर बंदरगाह से सीपीईसी को तैयार किया जा रहा है, वहां पर न सिर्फ इस प्रोजेक्ट बल्कि चीन का भी खूब विरोध हो रहा है। कुछ समय पहले चीन के इंजीनियर और अधिकारियों पर बलूचिस्तान में हमला भी हुआ था। वाल इसी के बाद से मचना शुरू हुआ। वहीं पाकिस्तान में सीनेट की स्थाई समिति के अध्यक्ष ताहिर मशहदी ने पाकिस्तान सरकार को घेरते हुए इस बात की चिंता जताई थी कि अगर चीन इसी तरीके से अपने सुरक्षाकर्मियों को पाकिस्तान में तैनात करता रहेगा, तो एक दिन चीन पाकिस्तान पर न सिर्फ कब्जा कर लेगा, बल्कि पाकिस्तान आर्थिक बोझ के नीचे भी दबकर खत्म हो जाएगा।
सूत्रों की मानें तो अफगानिस्तान में हुए तख्तापलट के बाद चीन ने अपनी रणनीति बदल दी है। तालिबानियों के सत्ता पर काबिज होने के बाद इसी का सहारा लेकर चीन ने पाकिस्तान में अपनी और सुरक्षा एजेंसियों की कई टुकड़ियां को तैनात करना शुरू कर दिया। क्योंकि यह प्रोजेक्ट बलूचिस्तान से शुरू होकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, गिलगित बालटिस्तान होते हुए चीन के उत्तरी पश्चिम शिंजियांग तक जा रहा है। क्योंकि पाकिस्तान के जिन राज्यों से होकर इस कॉरिडोर को निकलना है उसमें अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुए तालिबानियों का बहुत दखल है।