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चीन की बड़ी घुसपैठ: बनाएगा एक हजार स्कूल, अब इराक में डाला डेरा
China-Iraq News: इराकी प्रधानमंत्री मुस्तफा अल काधिमी की उपस्थिति में चीन के पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन तथा सिनो टेक ने इराक सरकार के साथ 15 अनुबंध किये हैं।
China-Iraq News: मिडिल ईस्ट (Middle East) से अमेरिका के हटने के साथ अब चीन (China) इस क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका में सामने आ रहा है। इसी क्रम में चीन ने इराक (Iraq) में अपने कदम रखते हुए वहां एक हजार स्कूल बनाने की डील (China Deal) की है।
इराकी प्रधानमंत्री मुस्तफा अल काधिमी (PM Mustafa Al-Kadhimi) की उपस्थिति में चीन के पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (Power Construction Corporation) तथा सिनो टेक (Sono-Tek) ने इराक सरकार (Iraq Government) के साथ 15 अनुबंध किये हैं। पावर कंस्ट्रक्शन 679 स्कूल तथा सिनो टेक 321 स्कूल बनाएगा। इराकी सरकार की योजना कुल 7 हजार नए स्कूल निर्मित करने की है। इसी क्रम में चीन ने 17 दिसम्बर को ये करार किये।
इसके दो हफ्ते पहले ही अमेरिकी सेना ने ऐलान किया था कि उसने इराक में 18 साल के बाद अब अपना युद्ध अभियान समाप्त कर दिया है। लेकिन अमेरिका के 2500 सैनिक एक सलाहकारी भूमिका में इराक में बने रहेंगे।
अमेरिकी सेना की इराक से वापसी
वैसे तो अमेरिका की सेनाएं 2011 में ही इराक से काफी हद तक वापस हो गई थीं लेकिन इराक और सीरिया में आईएसआईएस द्वारा बड़े इलाकों पर कब्जा किये जाने के कारण प्रेसिडेंट ओबामा (Barack Obama) ने 2014 में फिर सेनाओं को वहां भेज दिया था। 2017 तक अमेरिकी सेनाओं (US Army) ने आईएसआईएस (ISIS) को पूरी तरह खदेड़ दिया था लेकिन सेनाओं की अमेरिका वापसी नहीं की गई।
जो बिडेन (Joe Biden) के प्रेसिडेंट बनने के बाद अमेरिका की मिडिल ईस्ट नीति (US Middle East Policy) में बदलाव आया है और अब उसकी प्राथमिकतायें बदल गईं हैं। ये बदलाव इराक (Iraq) और अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिका की वापसी से स्पष्ट है।
अमेरिकी सेना की वापसी का फायदा
ऐसे में चीन ने मौके का फायदा उठाया है और अमेरिका द्वारा मिडिल ईस्ट में बनाये गए वैक्यूम को भरने के काम में जुट गया है। चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) ने अगस्त में इराकी प्रेसिडेंट बरहम (Barham Salih) से बात की थी और कहा था कि चीन इराक के पुनर्निर्माण में सहायता देना जारी रखेगा।
बगदाद स्थित चीनी दूतावास के अनुसार, अब चीन के लिए इराक एक महत्वपूर्ण निवेश स्थल है। खासकर तेल उद्योग में चीन की ज्यादा रुचि है। बता दें कि इराकी तेल का सबसे बड़ा खरीदार चीन ही है। चीनी कंपनियां इराक में बिजली सप्लाई, पानी सप्लाई, हवाई अड्डे और रेलवे निर्माण के लिए बातचीत कर रही हैं।
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