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मुसीबत बना चीन: वैक्सीन में बाधा पहुंचा रहा, हर देश पर बढ़ रहा खतरा

अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की ख़ुफ़िया एजेंसियों से जुड़े जासूसों ने दावा किया है कि चीन लगातार वैक्सीन बनने में भी अड़ंगे लगा रहा है।

Aradhya Tripathi
Published on: 5 May 2020 11:58 AM GMT
मुसीबत बना चीन: वैक्सीन में बाधा पहुंचा रहा, हर देश पर बढ़ रहा खतरा
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कोरोना वायरस के दुनिया में हाहाकार मचाने के बाद से चीन लगातार बाकी देशों के निशाने पर है। दुनिया का हर देश चीन पर कई तरह के आरोप लगा रहा है। ये दावा किया जा रहा है कि चीन की लैब में ही एक बायोवेपन की तरह बनाया गया और बाद में एक गलती के चलते लीक हो गया। ऐसे में अब चीन पर कई देशों ने वैक्सीन बनाने में बढ़ा पहुंचाने का भी आरोप लगाया है।

चीन अड़ा रहा वैक्सीन बनाने में अड़ंगा

अमेरिका सहित दुनिया के कई देश वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए इस वायरस की वैक्सीन बनाने में लगे हैं। ऐसे में अब अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की ख़ुफ़िया एजेंसियों से जुड़े जासूसों ने दावा किया है कि चीन लगातार वैक्सीन बनने में भी अड़ंगे लगा रहा है। इस दावे के सामने आने के बाद चीन और भी अब बाकी देशों के निशाने पर आ गया है। एक प्रमुख मीडिया प्रकाशन की रिपोर्ट के अनुसार इन पांचों देशों की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने मिलकर एक 15 पेज का डोजियर तैयार किया है

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जिसके मुताबिक चीन नहीं चाहता कि दुनिया को जल्द से जल्द कोरोना वायरस की वैक्सीन मिल सके। इसके साथ ही चीन पर ये भी आरोप है कि उसने कई देशों और स्वतंत्र वैज्ञानिक सस्थाओं को भी कोरोना के लाइव सैम्पल देने से इनकार कर दिया है। चीन पर ये भी आरोप है कि चीन किसी भी वैज्ञानिक को ग्राउंड जीरो पर जाने या फिर केस जीरो से मिलने की अनुमति नहीं दे रहा है।

रिपोर्ट में किए गए ये दावे

इस रिपोर्ट में कई दावे किए गए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन लगातार ये मानने से इनकार करता रहा कि कोरोना संक्रमण इंसानों से इंसानों में फ़ैल रहा है। जबकि पक्के सबूत मिले हैं कि उसे इस बात का काफी वक़्त से पता था। उसके बाद ये भी स्पष्ट हो चुका है कि वुहान की एक लैब में चमगादड़ों में पाए जाने वाले हानिकारक वायरस पर शोध चल रही थी। और शोध के दौरान किसी भी तरह का कोई प्रोटेक्शन इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। बाद में चीन ने इन तस्वीरों को हटा दिया। चीन ने पूरी लैबोरेटरी को ही नष्ट कर दिया साथ ही उसमें काम करने वाले लोगों को भी गायब कर दिया।

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रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि चीन ने बाकी देशों को धोखे में रखते हुए चीन ने संक्रमण के शुरूआती दिनों में अपने देश में सख्ती से ट्रेवल बैन लागू किये लेकिन अन्य देशों से कहा कि ये सिर्फ एहतियातन है सबको ऐसा करने की ज़रुरत नहीं है। रिपोर्ट में चीन पर अआरोप लगाते हुए ये भी दावा किया गया कि बीजिंग को इस वायरस की पूरी जानकारी दिसंबर में ही थी। लेकिन उसने आधिकारिक घोषणा 31 दिसंबर को की। चीन को ये बताने में 20 और दिन लगे कि ये इंसानों से इंसानों में फ़ैल रहा है जबकि तब तक सिर्फ वुहान में 25 हज़ार से ज्यादा मामले सामने आ चुके थे।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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