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HMPV Virus : चीन के बाद मलेशिया में HMPV में उछाल, जापान और हांगकांग ने बढ़ाई सतर्कता
HMPV Virus : चीन के बाद अब मलेशिया में भी एचएमपीवी संक्रमणों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी है। बीते साल वहां 327 मामले दर्ज किए गए हैं।
HMPV Virus : चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और ऐसा भी कहा जा रहा है चीन में इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोरोना वायरस एक साथ घूम रहे हैं।
ऐसे भी दावे हैं कि चीन ने इमरजेंसी की स्थिति घोषित कर दी है लेकिन अभी तक न चीनी अधिकारियों और न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी पुष्टि की है। चीन ने सिर्फ इतना कहा है संक्रमण में उछाल सर्दियों के मौसमकी वजह से है और इसे मौसमी बीमारी बताया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने जनता और पर्यटकों को आश्वस्त किया है कि देश में यात्रा करना सुरक्षित है।
मलेशिया की स्थिति
चीन के बाद अब मलेशिया में भी एचएमपीवी संक्रमणों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी है। बीते साल वहां 327 मामले दर्ज किए गए हैं। मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से एचएमपीवी को फैलने से रोकने के लिए जरूरी उपाय अपनाने का आग्रह किया है। इन उपायों में साबुन से बार-बार हाथ धोना, चेहरे पर मास्क पहनना और खाँसते या छींकते समय मुँह और नाक को ढकना शामिल है।
हांगकांग में भी एचएमपीवी संक्रमणों की सूचना मिली है, हालांकि वहां मामलों की संख्या कम है। हांगकांग, कम्बोडिया, ताइवान, जापान सहित अन्य पड़ोसी देश स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। जापान ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, जापान में इन्फ्लूएंजा के प्रकोप के कारण हजारों मामले सामने आ चुके हैं, तथा 15 दिसंबर 2024 तक के सप्ताह में 94,259 फ्लू रोगियों के सामने आने की सूचना है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) ने कहा है कि ये वायरस मुख्य रूप से सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, जिसमें छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोग सबसे अधिक असुरक्षित हैं। इनमें ये जटिल बीमारी पैदा कर सकता है। सीडीसी ने स्पष्ट किया है कि अभी इस वायरस संक्रमण के लिए कोई विशेष एंटीवायरल उपचार या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसके इलाज में मुख्य रूप से लक्षणों का मैनेजमेंट करना होता है, जिसमें गंभीर मामलों में हाइड्रेशन, बुखार नियंत्रण और ऑक्सीजन थेरेपी शामिल है।
ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली श्वसन बूंदों के जरिये फैलता है। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर वायरस आसानी से फैलता है, जिससे मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय महत्वपूर्ण हो जाते हैं।