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Quad countries meeting: क्वाड देशों की बैठक में कोरोना वायरस पर घिर सकता चीन
Quad countries meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत क्वाड (Quad) के अन्य देशों के साथ बैठक कर सकते हैं। क्वाड देशों की बैठक में कोरोना वायरस (Corona virus) प्रमुख मुद्दा हो सकता है और चीन को घेरा जा सकता है। बैठक में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की आमने-सामने मुलाकात होगी।
Quad countries meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) समेत क्वाड के अन्य देशों के साथ बैठक कर सकते हैं। इस बैठक की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति करेंगे। क्वाड देशों की बैठक में कोरोना वायरस प्रमुख मुद्दा हो सकता है और चीन को घेरा जा सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस के उद्गम स्थल को लेकर दुनिया में बहस जारी है। कुछ समय पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाडइन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। जांच की रिपोर्ट 90 के भीतर सौंपने के आदेश दिए गए हैं। माना जा रहा है चीन इस मुद्दे पर घिर सकता है। लोकतांत्रिक देशों के समूह क्वाड में भारत, अमेरिका के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं। हालांकि अब तक इस बैठक की तारीख आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आई है। ये पहली बैठक होगी जब क्वाड देशों के नेता आमने-सामने मिलेंगे। साथ ही इस बैठक में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की आमने-सामने मुलाकात होगी। इंडो पेसिफिक रिजन में अमेरिकी कोऑर्डिनेटर ने कुर्ट कैंबेल ने इस बैठक से संबंधित घोषणा मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान की है।
वर्चुअल बैठक के बाद तिलमिलाया था चीन
इससे पहले चार देशों के नेता वर्चुअल माध्यम से बीते मार्च महीने में मिले थे। इस बैठक को लेकर चीन तिलमिला गया था। बैठक से परेशान चीन ने कहा था कि अगर क्वाड अपने विरोधात्मक पूर्वाग्रह और कोल्ड वॉर मानसिकता को खत्म नहीं करता है तो वह बिना किसी अंजाम तक पहुंचे खत्म हो जाएगा और उसे कोई समर्थन भी नहीं मिलेगा। बीजिंग ने क्वाड या चतुर्भुज सुरक्षा संवाद को एक विचारधारा पर आधारित एक गुट बताते हुए उसे, 'अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए हानिकारक' करार दिया था।
शिखर सम्मेलन में चीन को दिया था स्पष्ट संदेश
मार्च में हुए शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहाइड सुगा ने भाग लिया था। चार देशों की सदस्यता वाले 'क्वाड' समूह के नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए इस बात पर पुनः जोर दिया था कि वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह क्षेत्र सभी के लिए सुगम हो और नौवहन की स्वतंत्रता एवं विवादों के शांतिपूर्ण समाधान जैसे मूल सिद्धांतों एवं अंतराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार इसका संचालन हो।