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China-Pakistan: चीन ने किया वीटो का बेजा इस्तेमाल, पाकिस्तान के साथ आतंकवाद को हवा देने में खुली उसकी मिलीभगत
China-Pakistan: आतंकवाद पर चीन और पाकिस्तान का दोहरा मापदंड पूरी दुनिया में पहले भी उजागर होता रहा है। आतंकी साजिद मीर के मामले में भी चीन ने एक बार फिर यही चाल चली है।
China-Pakistan: चीन और पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर हमेशा दोहरा खेल खेलते रहे हैं। दोनों देशों की ओर से आतंकियों और उनकी गतिविधियों पर लगाम लगाने की वकालत की जाती रही है मगर वास्तविकता में ये दोनों देश आतंकवाद को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं। इस मुद्दे पर दोनों देशों का चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया है। चीन ने गत मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया। साजिद मीर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में मोस्ट वांटेड है। मगर चीन उसकी ढाल बनकर खड़ा हो गया।
आतंकवाद रोकने के रास्ते में चीन ने डाला अड़ंगा
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब चीन किसी आतंकवादी को बचाने के लिए आगे आया है। इससे पूर्व भी चीन कई अन्य आतंकवादियों को बचाने के लिए वीटो पावर का इस्तेमाल करता रहा है। चीन इससे पहले आतंकी सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ असगर और लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद के बेटे तालहा सईद के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों पर भी वीटो पावर का इस्तेमाल कर चुका है। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने में भी चीन ने अड़ंगा लगाया था। आतंकवाद पर चीन और पाकिस्तान का दोहरा मापदंड पूरी दुनिया में पहले भी उजागर होता रहा है । मगर चीन अपने दोस्त पाकिस्तान को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में वीटो पावर का गलत इस्तेमाल करता रहा है। आतंकी साजिद मीर के मामले में भी चीन ने एक बार फिर यही चाल चली है।
साजिद मीर पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का खूंखार आतंकवादी है और उसे इस आतंकी संगठन के चीफ हाफिज सईद का करीबी माना जाता है। साजिद मीर ने ही डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमले की साजिश रची थी। वह 2006 से 2011 तक लश्कर के बाहरी अभियानों का प्रभारी था और इसी दौरान मुंबई हमले की साजिश रची गई थी। इस आतंकवादी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वाले लोगों में कई विदेशी भी शामिल थे। मुंबई हमले में साजिद मीर की भूमिका को देखते हुए ही अमेरिका की ओर से उसके ऊपर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया गया था। वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है।
कौन है साजिद मीर
एफबीआई का कहना है कि साजिद मीर 2001 से ही लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता रहा है। लश्कर के साथ मिलकर उसने कई आतंकी हमलों की साजिश रची। उन्हें अंजाम देने में कामयाब रहा। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साजिद मीर को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इन दिनों वह पाकिस्तान की जेल में बंद है। हालांकि पाकिस्तान की जेल से ही कई आतंकियों के साजिश को अंजाम देने के मामले पहले उजागर हो चुके हैं। साजिद मीर के मामले में पाकिस्तान पहले भी झूठ बोलता रहा है। 2021 में पाकिस्तान ने साजिद मीर की मौत हो जाने का दावा किया था। हालांकि पश्चिमी देशों ने इस दावे को गलत बताया था। बाद में पाकिस्तान का झूठ उजागर हो गया था।
साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन की ओर से अड़ंगा लगाए जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। भारत ने इस मुद्दे पर चीन और पाकिस्तान दोनों देशों को जमकर लताड़ लगाई है। भारत ने चीन और पाकिस्तान के साथ ही इस मुद्दे पर चुप्पी साधने वाले अन्य देशों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। भारत ने साजिद मीर की वह ऑडियो क्लिप भी सुना दी है जिसमें वह मुंबई हमले के दौरान आतंकियों को निर्देश दे रहा था। भारत की ओर से जॉइंट सेक्रेट्री प्रकाश गुप्ता ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की हाईलेवल कांफ्रेंस के दौरान चीन और पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से लड़ने की प्रक्रिया में काफी गड़बड़ी दिख रही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक कुख्यात आतंकवादी को वैश्विक आतंकी नहीं घोषित किया जा रहा है और कई देश इस आतंकवादी का बचाव करने में लगे हुए हैं। उन्होंने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के प्रति दोहरा रवैया अपनाने का बड़ा आरोप भी लगाया।
भारत ने सुनाई ऑडियो क्लिप
भारत ने अपना पक्ष रखते हुए वह ऑडियो क्लिप भी सुनाई जिसमें साजिद ने आतंकियों को निर्देश दे रहा है। गुप्ता ने कहा कि हर किसी को यह ऑडियो क्लिप सुननी चाहिए जिसमें साजिद मीर आतंकियों को फोन पर निर्देश देते हुए कह रहा है कि ताज होटल में सभी विदेशियों को मार दो। हमले के दौरान किसी को जिंदा नहीं छोड़ना है। उन्होंने कहा कि एक देश की ओर से साजिद मीर को पूरा संरक्षण दिया जा रहा है। हमले के 15 साल बीतने के बाद भी वह खुलेआम घूम रहा है। उन्होंने सवाल किया कि आतंकवाद के प्रति यह दोहरा रवैया नहीं है तो और क्या है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रति यह दोहरा रवैया काफी खतरनाक है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। भारत ने पूरी मजबूती के साथ अपना पक्ष रखते हुए कहा कि किसी देश के व्यक्तिगत फायदे के लिए आतंकवाद की परिभाषा में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकता। निश्चित रूप से चीन और पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरा खेल खेलते रहे हैं। भारत को इन दोनों देशों से सतर्क रहने की जरूरत है।