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चीन पर मंडरा रहा है आबादी का संकट, चीनी औरतों को नहीं चाहिए तीन बच्चे
पहले एक फिर दो और अब तीन बच्चे पैदा करने को कह रही है चीनी सरकार। घटते जन्मदर को देखते हुए विवाहित जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की दी गयी अनुमति
लखनऊ। घटती जन्मदर और बढ़ती वृद्ध जनसंख्या से चिंतित चीन ने अपने नागरिकों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी है लेकिन अब चीनी महिलाएं इसका विरोध कर रही हैं। चीनी महिलाओं का कहना है कि वे ज्यादा बच्चे पालने का न तो खर्च उठा सकती हैं और न अपने करियर को तिलांजलि दे सकती हैं।
चीन पर आबादी का संकट
पिछले कुछ सालों से चीन में आबादी के संकट की आहट है। जो ट्रेंड है उससे लगता है कि 2025 के बाद आबादी ग्रोथ बन्द होकर निगेटिव में चली जायेगी। यानी जन्म कम और मृत्यु ज्यादा। 2019 के मुकाबले 2020 में चीन में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में 15 प्रतिशत गिरावट आई है। कोरोना वायरस के आने से स्थिति और बिगड़ी है।
इस स्थिति से निपटने के लिए चीन की सत्तासीन कम्युनिस्ट पार्टी प्रभावी उपाय अपनाने की कोशिश कर रही है। दशकों तक एक बच्चे की नीति अपनाने के बाद दो बच्चों की छूट दी गई और अब हाल के फैसले में विवाहित जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी है।
चीन में जन्मदर का गिरना जारी
बहुत लंबे समय से चीनी नागरिकों के बच्चे पैदा करने के अधिकारों पर सरकार के कड़े नियंत्रण भले ही ढीले कर दिए गए हैं लेकिन जन्म दर बढ़ नहीं रही है। दो बच्चे पैदा करने की अनुमति के बाद भी जन्मदर का गिरना जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नीति का चीन की प्रजनन दर की प्रवृत्ति पर सीमित प्रभाव पड़ेगा।
पहले ये थी चीन की नीति
चीन ने 2015 के अंत में दो बच्चे पैदा करने की छूट दी थी। इससे पहले 1979 से देश में एक बच्चा पैदा करने की नीति सख्ती से लागू थी। उस समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का कहना था कि गरीबी मिटाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण जरूरी है। बच्चे पैदा करने की नीति का उल्लंघन करने और चीन में बहुत सजाएं दी जाती रहीं हैं।
2015 के अंत में दो बच्चों की नीति लागू होने के बाद देश में प्रजनन दर में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि नहीं दर्ज की गई। 2020 में चीन की प्रजनन दर प्रति महिला 1.3 बच्चे थी। इससे चीन जापान और इटली जैसे देशों के बराबर पहुंच गया जहां युवाओं से ज्यादा आबादी बुजुर्गों की होती जा रही है।
नहीं चाहिए बड़ा परिवार, "प्ले डाउन" शैली को अपना रही हैं चीनी महिलाएं
एक सर्वे से पता चला है कि चीन में सिर्फ कुछ ही लोग तीसरा बच्चा पैदा करना चाहते हैं। इसकी वजह बच्चों को पालने में होने वाला खर्च और कामकाजी महिलाओं के करियर हैं। चीन में बड़े शहरों में अच्छी लाइफस्टाइल के लिए पैसा चाहिए जिसके लिए बेहतर करियर जरूरी है।
चीन के बड़े शहरों में बच्चों के लालन-पालन पर होने वाला खर्च उठाना हर एक के बस की बात नहीं है। जिस लाइफस्टाइल में लोग ढल चुके हैं उसे बदलना आसान नहीं है। इसके अलावा शहरों में रहने वाली चीन की युवा महिलाएं अब "प्ले डाउन" नामक एक नई जीवन शैली में ढल गई हैं। इस जीवन शैली का मकसद होता है कि खाओ पियो मस्त रहो। ये लाइफस्टाइल कर्तव्यों या जरूरतों को पूरा करने के विपरीत है। चीन में ट्विटर जैसे माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म वीबो पर एक सर्वे हुआ जिसमें पूछा गया कि क्या महिलाएं तीन बच्चों की नीति के लिए तैयार हैं। इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 31,000 लोगों में से 28,000 से अधिक ने कहा कि वे इस पर कभी विचार नहीं करेंगे। इस सर्वे को बाद में वीबो से हटा दिया गया।
और भी उपायों पर विचार
प्रजनन दर बढ़ाने के लिए तीन बच्चों की नीति के अलावा चीन की शी जिनपिंगXi Jinping सरकार कुछ अन्य उपायों को शुरू करने पर विचार कर रही है। सरकार शिक्षा में होने वाले खर्च को कम करने, आर्थिक और आवास सहायता बढ़ाने के साथ-साथ कामकाजी महिलाओं के कानूनी अधिकारों की रक्षा करने की योजना बना रही है।