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असमंजस में पूरी दुनिया, कहां गिरेगा चीनी रॉकेट, जमीन या समुद्र पर बंटे वैज्ञानिकों के मत
चीन का रॉकेट लांग मार्च 5 बी रविवार को किसी भी समय पृथ्वी पर गिरने वाला है। जिसे लेकर दुनिया में असमंजस बना हुआ है।
नई दिल्ली: चीन के स्पेस मिशन का हिस्सा रॉकेट लांग मार्च 5 बी रविवार को किसी भी वक्त पृथ्वी पर गिरने वाला है। रॉकेट को लेकर पूरी दुनिया में घोर असमंजस छाया हुआ है। यह रॉकेट कहां गिरेगा, किस देश में गिरेगा। जमीन से टकराएगा या किसी महासागर में गिरेगा। इसको लेकर दुनिया भर की अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी एजेंसियों और वैज्ञानिकों में बहस छिड़ी हुई है।
कुछ एजेंसियों का दावा है कि यह अटलांटिक महासागर में कहीं गिर सकता है जबकि अन्य एजेंसियों ने इसके भारत के पास हिंद महासागर में गिरने की आशंका जताई है। सभी एजेंसियां इस बात पर अब एक मत हैं कि यह रविवार नौ मई को तब पृथ्वी पर पहुंचेंगा जब अमेरिका में रात होगी और भारत में सूरज निकला होगा।
चीन के स्पेस मिशन की लापरवाही ने पूरी दुनिया के अंतरिक्ष विज्ञानियों का चैन छीन रखा है। अंतरिक्ष विज्ञानी रात- रात भर जागकर चीन के फेल हुए रॉकेट पर नजर गड़ाए हुए हैं। वह यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह रॉकेट पृथ्वी पर कब पहुंचेगा और यह कहीं मानवता के लिए खतरा बनने तो नहीं जा रहा है।
तेजी से पृथ्वी की ओर आ रहा रॉकेट
वैज्ञानिकों के अनुसार चीन के रॉकेट लांग मार्च 5 बी का बूस्टर गोल-गोल घूमता हुआ तेजी से पृथ्वी की ओर आ रहा है। क्योंकि नीचे आने के दौरान वह ऊपर हवा में गोल –गोल घूम रहा है इसलिए रफ्तार अधिक होने के बावजूद वह सीधे नीचे नहीं आ रहा है। यही वजह है कि उसके पृथ्वी पर गिरने का सटीक आकलन नहीं हो रहा है कि वह आखिरकार पृथ्वी पर कहां आकर गिरेगा। अमेरिका के द एयरोस्पेस कारपोरेशन ने राकेट के पृथ्वी पर गिरने के बारे में जो पहले अनुमान किया था अब उसमें बड़ा बदलाव कर दिया है।
अटलांटिक महासागर में गिरने की संभावना
कारपोरेशन के वैज्ञानिकों के अनुसार, पहले रॉकेट के पृथ्वी पर पहुंचने का अनुमान करंट यूटीसी यानी कोऑर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम के अनुसार 9 मई 2021 को 3:43 को था, जिसमें 16 घंटे का अंतर अनुमानित था। एजेंसी ने रविवार की शाम जो अपडेट जारी किया है उसके अनुसार अब नौ मई को करंट यूटीसी 3.30 पर यह जमीन पर पहुंचेगा। एजेंसी के अनुसार इसके अटलांटिक महासागर में गिरने की संभावना है। इस एजेंसी ने पहले रॉकेट के हिंद महासागर से लेकर अमेरिका तक कहीं भी गिरने की आशंका जताई थी। एजेंसी ने कल कहा था कि यह अमेरिका में शिकागो और न्यूयॉर्क के पास गिर सकता है।
दूसरी ओर एक और एजेंसी स्पेस ट्रैक के वैज्ञानिकों ने बताया है कि अगले 12 घंटे के दौरान यह अनुमान बदल सकता है लेकिन मौजूदा जानकारी का विश्लेषण करने से पता चल रहा है कि यह नौ मई को करंट यूटीसी दो बजकर 27 मिनट पर -3.9 डिग्री लैटीट़यूड और 79.4 डिग्री लॉगींट्यूड पर पृथ्वी से टकरा जाएगा। एक और रिसर्चर माइथन वेस्ट ने दावा किया है कि रॉकेट की रीएंट्री भारत और श्रीलंका से दक्षिण दिशा में हिंद महासागर में कहीं हो सकती है।
स्पेस ट्रैक की ओर से यह भी दावा किया गया है कि रॉकेट का हिस्सा जमीन पर पहुंचने से पहले ही हवा में पूरी तरह नष्ट हो जाएगा। इसका कोई भी टुकड़ा पृथ्वी के आधा वर्ग किमी हिस्से को भी प्रभावित नहीं कर पाएगा। विज्ञानियों के अनुसार जब भी स्पेस से कोई टुकड़ा जमीन की ओर आता है तो पृथ्वी की ऊपरी सतह के वायुमंडल में घर्षण से वह नष्ट हो जाता है।
क्यों गिर रहा है यह रॉकेट
10 मंजिल वाले भवन से भी ज्यादा ऊंचा चीन का यह राकेट उसके स्पेस स्टेशन मिशन (Space Station Mission) का हिस्सा है. इसे 29 अप्रैल को दक्षिण चीन स्थित व्हेनचांग स्पेस लांच सेंटर से छोड़ा गया है। यह चीन की ओर से तैयार किए गए सभी रॉकेट में अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट है। इस रॉकेट का नाम लांग मार्च 5 बी है। इसे चीन ने अंतरिक्ष में तैयार हो रहे अपने स्पेस स्टेशन पर जरूरी उपकरणों को लेकर भेजा था। जमीन पर गिर रहा हिस्सा इस रॉकेट का बूस्टर है। जो अनियंत्रित होकर जमीन पर गिर रहा है।
आमतौर पर जब भी कोई राकेट अपने स्पेस मिशन पर जाता है तो उसके बूस्टर हिस्से को नियंत्रित तरीके से वैज्ञानिक पृथ्वी के समुद्री इलाके में गिरा देते हैं लेकिन चीन के स्पेस मिशन की नाकामी की वजह से बूस्टर का यह बड़ा हिस्सा अनियंत्रित होकर सीधे जमीन की ओर आ रहा है .