×

भारत के लिए बड़ा खतरा: चीन-पाकिस्तान के गहरे होते रिश्ते, चीन की सबसे पहली प्राथमिकता पाक

चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने बीते दिन शनिवार को कहा था कि पड़ोस की कूटनीति में चीन के लिए पाकिस्तान प्राथमिक स्थान रखता है।

Network
Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 6 Feb 2022 8:13 AM IST
China-Pakistan
X

चीन-पाकिस्तान (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को चीन का सपोर्ट बहुत मजबूती से मिल रहा है। जिसकी वजह से आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ पाकिस्तान अपनी नापाकियत से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में चीन के प्रधानमंत्री का एक हैरान कर देने वाला बयान सामने आया है। जिससे ये साफ होता है कि चीन के पाकिस्तान की क्या वैल्यू है।चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने बीते दिन शनिवार को कहा था कि पड़ोस की कूटनीति में चीन के लिए पाकिस्तान प्राथमिक स्थान रखता है। वहीं चीनी प्रधानमंत्री ली ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान से इस दौरान मुलाकात भी की।

पाकिस्तान और चीन दोनों देशों के प्रधानमंत्री की इस मुलाकात के दौरान इमरान खान ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सरकार चीनी नागरिकों और उनके देश में जारी परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। जिससे साफ जाहिर होता है चीन और पाकिस्तान के आपसी रिश्ते दिन प्रति दिन मजबूत होते जा रहे हैं।

भारत के लिए बड़ा खतरा

लेकिन ये मजबूत होते रिश्ते भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकते है। क्योंकि भारत से विवाद के चलते चीन ने पाकिस्तान से नजदीकियां बढ़ाई हैं। जबकि पाकिस्तान तो भारत के साथ नापाक साजिश चलने का एक मौका भी नहीं छोड़ता है।

ऐसे में सामने आई एक चीनी सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बाद चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे नंबर के नेता ली कियांग ने पाकिस्तान के साथ बहु-आयामी व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करने की चीन की इच्छा जाहिर की है।

जिसमें चीन के प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन हमेशा पाकिस्तान के साथ अपने करीबी रणनीतिक संबंधों को महत्व देता है। इमरान खान चीन की सरकार के निमंत्रण पर बीजिंग के दौरे पर हैं और शुक्रवार को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे।

इस समारोह में चीनी प्रधानमंत्री ली ने पाक प्रधानमंत्री खान के साथ बैठक में कहा कि चीन पाकिस्तान से कृषि उत्पादों के आयात का विस्तार करने पर गंभीरता से विचार करेगा। इमरान खान ने चीन के साथ रणनीतिक साझेदारी का हवाला देते हुए कहा कि उनका देश चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की परियोजना के लिए प्रतिबद्ध है और कई क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना जारी रखेगा। जिससे अब चीन-पाकिस्तान के आपसी रिश्तों में पहले से कहीं ज्यादा मजबूती आई है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story