टारगेट पूरा न करने पर अमानवीय तरीके से दी जाती है सजा

seema
Published on: 25 Jan 2019 9:19 AM GMT
टारगेट पूरा न करने पर अमानवीय तरीके से दी जाती है सजा
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टारगेट पूरा न करने पर अमानवीय तरीके से दी जाती है सजा

चीन: टारगेट पूरा करने का दबाव सिर्फ भारत में ही नहीं है। यह दबाव दुनिया के दूसरे देशों में भी और अगर चीन की बात की जाए तो वहां तो टारगेट पूरा करने का जबर्दस्त दबाव है। वहां टारगेट पूरा न करने पर कई कंपनियां अमानवीय तरीके की सजा दी गयी। यह सजा ऐसी थी कि सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बाद में इस मामले में पुलिस को दखल देना पड़ा।

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चीन में तय समय में कंपनी की तरफ से मिले लक्ष्य को पूरा नहीं करने पर सजा देने का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। कंपनी ने लक्ष्य पूरा नहीं होने पर चार कर्मचारियों को बीच सड़क पर रेंगने को मजबूर किया। बाद में इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वैसे सोशल मीडिया पर लोगों ने ऐसी सजा पर हैरानी जताई। लोगों ने सजा को अमानवीय बताते हुए इसके लिए कंपनी की कड़ी आलोचना भी की। वैसे सोशल मीडिया पर लोग सड़क पर रेंगने वाले कर्मचारियों से भी नाराज थे। उनका कहना था कि इन लोगों ने अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता कर लिया।

घुटनों के बल सड़क पर चलाया

टारगेट पूरा न करने पर इन कर्मचारियों को शहर की बिजी सड़क पर घुटनों के बल चलाया गया। सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में चारों कर्मचारियों के आगे-आगे एक शख्स झंडा लेकर चल रहा था। इन चारों के घुटनों के बल चलने के दौरान सड़क पर जाम लग गया और गाडिय़ों की रफ्तार कम हो गई। सड़क पर चलने वाले लोग इन कर्मचारियों को बड़े कौतूहल से देख रहे थे। हालत यह हो गयी कि पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।

पुलिस को देना पड़ा दखल

पुलिस के दखल के बाद यह सबकुछ खत्म हुआ। हालांकि इससे पहले ही इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हो गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घटना के बाद कंपनी अस्थायी रूप से बंद हो गई है। वैसे चीन में इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी कर्मचारियों के साथ अमानवीय व्यवहार की खबरें आती रही हैं। पिछले साल भी कर्मचारियों के खराब प्रदर्शन पर उन्हें झापड़ मारने का वीडियो वायरल हुआ था।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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