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भड़क उठा दुश्मन चीन: परमाणु पनडुब्बी को लेकर अमेरिका को लताड़ा, दुनिया के सामने रखे पूरा मामला रखें को कहा
China Statement: अमेरिकन मीडिया में ये बात सामने आई कि अमेरिकी न्यूक्लियर सबमरीन की ये टक्कर दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई। अमेरिकन मीडिया ने कुछ अधिकारियों के हवाले से खबर चलाई थी कि इस दुर्घटना में अमेरिका के 11 नौसैनिक भी घायल हुए हैं।
China statement: अक्टूबर की शुरुआत में दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में अमेरिका की न्यूक्लियर पनडुब्बी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। इस मामले पर अमेरिका के दो रक्षा अधिकारियों ने जानकारी दी। नौसेना ने अभी यह नहीं बताया है कि कैसे और क्यों यूएसएस कनेक्टिकट (USS Connecticut) समुद्र के नीचे पर्वत से टकरायी या उसे कितना नुकसान पहुंचा है। नौसेना ने बताया कि पनडुब्बी का परमाणु रिएक्टर और उसकी प्रणोदन प्रणाली क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। इसके चलते अमेरिका के कुछ नौसैनिक घायल भी हो गए थे। इस मामले में अब चीन का कहना है कि अमेरिका इस मामले में पारदर्शिता बरत रहा है और उसका बयान गैर-जिम्मेदाराना है।
इसके अलावा ये भी नहीं बताया गया था कि इस हादसे में कितने लोग घायल हुए हैं। हालांकि इसके बाद अमेरिकन मीडिया में ये बात सामने आई कि अमेरिकी न्यूक्लियर सबमरीन की ये टक्कर दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई। अमेरिकन मीडिया ने कुछ अधिकारियों के हवाले से खबर चलाई थी कि इस दुर्घटना में अमेरिका के 11 नौसैनिक भी घायल हुए हैं।
'हर जगह लड़ाकू विमान और जंगी जहाज भेजना बंद करे अमेरिका'
इस घटना के लगभग एक महीने बाद अमेरिकन नौसेना ने एक बार फिर बयान जारी किया था. इस बयान में कहा गया था कि न्यूक्लियर पनडुब्बी की दुर्घटना की जांच के बाद पता चला है कि ये एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में काम करते हुए समुद्र के भीतर एक अज्ञात पर्वत से टकराई थी। चीन ने भी अमेरिकी नौसेना के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीते मंगलवार को अपनी दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका को इस मामले में पूरी बात दुनिया के सामने रखनी चाहिए।
वांग ने कहा कि अमेरिका ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका गंभीर चिंता से जुड़ी बातों का जवाब नहीं दे रहा है। उन्हें बताना चाहिए कि आखिर परमाणु पनडुब्बी वहां क्या कर रही थी। क्या इस पनडुब्बी की दुर्घटना के बाद किसी और देश की जल सीमा में परमाणु लीकेज तो नहीं हुआ है।
इसके अलावा इस लीकेज से समुद्र के पर्यावरण को नुकसान तो नहीं पहुंचा है। अमेरिका को इन सभी गंभीर मसलों पर अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को हर जगह जहाज और लड़ाकू विमान भेजना बंद करना चाहिए. अमेरिका को चाहिए कि वो दूसरे देशों की सुरक्षा का उल्लंघन ना करें और अपनी सैन्य धौंस ना दिखाए।
दक्षिण चीन सागर में दबदबा चाहता है चीन
गौरतलब है कि लंबे समय से दक्षिण चीन सागर में तनाव जारी है। यहां पर अक्सर ही अमेरिकी नौसेना के युद्धक जहाजों को देखा जाता है। इस वजह से तनाव बढ़ जाता है। इसके अलावा, चीन दक्षिण चीन सागर में अपना दबदबा बनाने में लगा हुआ है। इस वजह से ही अमेरिका ने यहां पर अपनी मौजूदगी बरकरार रखी हुई है. जापान, फिलीपींस जैसे मुल्कों में रहने वाले मछुआरों को आए दिन चीनी कोस्टगार्ड की चेतावनियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि अक्सर ही उनकी मछली पकड़ने वाले जहाजों को चीन अपने कब्जे में ले लेता है या फिर उन्हें पीछे हटने की चेतावनी देता है।