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China Taiwan Dispute: ताइवान पर चढ़ाई हुई तो चीन का भी हश्र बहुत बुरा होगा

China Taiwan Dispute: चीन द्वारा ताइवान पर सीधा आक्रमण किया जाता है तो इस संघर्ष में शामिल चीन और ताइवान के अलावा अमेरिका, जापान और अन्य पक्षों पर भारी असर पड़ेगा।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 3 Aug 2022 3:50 PM IST
China Taiwan Dispute
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China Taiwan Dispute| (Social Media)

China Taiwan Dispute: एक साल पहले, शायद ही किसी ने यूरोप में एक बड़े जमीनी युद्ध की कल्पना की होगी। लेकिन अकल्पनीय हो गया और रूस ने यूक्रेन पर एक क्रूर आक्रमण (Russia- Ukraine War) कर दिया जिसमें हजारों नागरिक मारे गए हैं और शहर नष्ट हो गए। ताइवान (Taiwan) को आज भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उसके सिर पर खड़ा है साम्यवादी चीन, जो ताइवान के आकार से 60 गुना अधिक बड़ा आक्रामक पड़ोसी है। भले ही तत्काल कोई लड़ाई न छिड़े लेकिन ऐसा आने वाले समय में बहुत मुमकिन है।

ताइवान जलडमरूमध्य में वातावरण दशकों में सबसे अधिक तनावपूर्ण

यूक्रेन-रूस युद्ध (Ukraine Russia War) के ग्लोबल परिणाम तो सभी भुगत रहे हैं और अगर कहीं ताइवान में भी कुछ ऐसा हो गया तो विनाशकारी परिणाम होना तय है। यूक्रेन की हालत से घबराई दुनिया ताइवान जलडमरूमध्य को बेहद चिंता के साथ देख रही है। इत्तेफाक की बात है कि यूक्रेन और ताइवान, दोनों ही संकटों में अमेरिका और पश्चिमी देश एक कैटेलिस्ट की भूमिका में हैं। चीन ने अमेरिका में बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) के पदभार संभालने के बाद से ताइवान (Taiwan) के प्रति अपनी आक्रामक मुद्रा को और तेज किया है। ताइवान के क्षेत्र में हवाई घुसपैठ के नए रिकॉर्ड लगभग प्रतिदिन सेट होते हैं, और चीनी अधिकारी "पाखण्डी प्रांत" के बारे में सबसे अधिक युद्ध जैसी घोषणाएं जारी करने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, ताइवान जलडमरूमध्य में वातावरण दशकों में सबसे अधिक तनावपूर्ण है। अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी (US House Speaker Nancy Pelosi) की ताइवान यात्रा (Taiwan Visit) से स्थिति बेहद तनावपूर्ण बन गई है।

चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प और चीन के सपने को साकार करने की प्रतिबद्धता: जिनपिंग

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) की "चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प" और "चीन के सपने" को साकार करने की प्रतिबद्धता है। यह स्पष्ट है कि हांगकांग और तिब्बत में चीनी सत्तावाद को काम करते हुए देखने के बाद, ताइवान कभी भी बीजिंग के साथ राजनीतिक समझौता नहीं करेगा। ऐसे में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शी जिनपिंग का एकमात्र मार्ग ताइवान के साथ जबरन एकीकरण है। शी जिनपिंग ने देख लिया है कि पुतिन ने बंदूक की नोक पर अपने क्षेत्र की भू-राजनीति को बदलने में सफलता हासिल की है।

क्या होंगे नतीजे

चीनी आक्रमण का अमेरिका, जापान और अन्य पक्षों पर पड़ेगा भारी असर

अगर चीन द्वारा ताइवान पर सीधा आक्रमण किया जाता है तो इस संघर्ष में शामिल चीन और ताइवान के अलावा अमेरिका, जापान और अन्य पक्षों पर भारी असर पड़ेगा। अमेरिका के लिए ये इस क्षेत्र में अपनी शक्ति के प्रदर्शन का आधार बनेगा और वह अपने सभी मित्र राष्ट्रों को इसमें इन्वॉल्व करने की स्वाभाविक कोशिश करेगा। लड़ाई के साथ-साथ इस संघर्ष से एक क्षेत्रीय या वैश्विक आर्थिक मंदी आना तय है। साथ ही संभावित रूप से बड़े पैमाने पर लोग हताहत होंगे। चीन के लिए भी एक सफल आक्रमण में बड़ी कीमत चुकानी होगी। बड़ी संख्या में हताहतों के अलावा दसियों अरबों डॉलर खर्च होंगे। एक बच्चे की नीति के कारण बना सामाजिक संकट और विकराल हो सकता है। लड़ाई के चलते चीन पर प्रतिबंध लगेंगे सो ग्लोबल सप्लाई चेन बुरी तरह बाधित होगी। ताइवान सेमीकंडक्टर का सबसे बड़ा निर्माता है और युद्ध की दशा में इनका बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।

अप्रत्यक्ष आक्रमण

प्रत्यक्ष आक्रमण के बजाय चीन, नाकाबंदी या तथाकथित "विषम युद्ध" के किसी अन्य रूप को नियोजित कर सकता है। रूस ने यूक्रेन, क्रीमिया, डोनबास और कुछ रिपोर्टों के अनुसार, 2016 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अल्पकालिक राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए "विषम युद्ध" की रणनीति का इस्तेमाल किया। विषम युद्ध एक हाइब्रिड मॉडल है। इसमें अपने उद्देश्य को पाने के लिए विभिन्न प्रकार की रणनीति अपनाई जाती है।

कब हो सकता है चीनी कार्रवाई

अमेरिका और ताइवान के अधिकारियों ने अतीत में आक्रमण के लिए विभिन्न समय-सीमाएँ जारी की हैं, जिनके अनुसार 2025 या 2030 में आक्रामक हो सकता है। लेकिन अमेरिकी अधिकारियों को अब विश्वास है कि चीन अगले 18 महीनों के भीतर ताइवान के खिलाफ एक मजबूत कदम उठा सकता है। तत्काल हमले की आशंका न अमेरिका को है और न ताइवान को। ताइवान के शीर्ष खुफिया अधिकारी चेन मिंग-टोंग (Taiwan top intelligence officer Chen Ming-tong) ने मार्च में कहा था कि इस बात की संभावना नहीं है कि चीन इस साल आगे बढ़ेगा। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू (Taiwan Foreign Minister Joseph Wu) ने पिछले महीने कहा था कि रूसी आक्रमण पर पश्चिम की जो प्रतिक्रिया रही है उसे देखते हुये चीन कोई कदम बहुत सोच समझ कर ही उठाएगा।

सीआईए के निदेशक बिल बर्न्स (CIA Director Bill Burns) ने पिछले हफ्ते कहा था कि किसी भी हमले की तुरंत उम्मीद नहीं है, लेकिन जोखिम "अधिक है, ऐसा लगता है कि इस दशक में आपको और अधिक देखने कक मिलेगा।"



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Deepak Kumar

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