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चीन पर होगा हमला: सामने आई ये सबसे बड़ी खबर, ताइवान ने दी खुली चेतावनी
China Taiwan War : ताइवान ने चीन की इस धोखेबाजी हरकत का जवाब देते हुए अपने लड़ाकू विमानों को रवाना कर दिया है और चीन के विमानों को कड़ी चेतावनी दी है।
China Taiwan War : बीते कई महीनों से चीन और ताइवान के बीच का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसे में अब विवाद को चिंगारी लगाते हुए चीन के लड़ाकू विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ (china taiwan conflict latest news) की है। जिससे ये विवाद एक बार फिर से भड़क उठा है। चीन की इस हरकत का जवाब देते हुए ताइवान ने चीन से कहा है कि चीनी सेना हमें थकाना चाहती है लेकिन हम जवाब देने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
ताइवान के हवाई क्षेत्र में चीन के घुसपैठ पर प्रतिक्रिया देते हुए ताइवान के रक्षा मंत्री चिऊ कुओ चेंग (chiu kuo cheng) ने कहा कि चीन का उद्देश्य है कि वो इस तरह की कार्रवाई कर हमें थका देगा। लेकिन मैं बता देना चाहता हूं कि हम माकूल जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं।
चीन-ताइवान के बीच गहरा विवाद
ताइवान के रक्षा मंत्री चिऊ कुओ चेंग (chiu kuo cheng) ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय सेनाओं ने ऐसा पहले भी करके दिखाया है। अगर चीन के पास शक्तियां है तो हमारे पास भी उनका जवाब देने के लिए पर्याप्त ताकत मौजूद है। चीन के 27 विमानों ने रविवार को उसके एयर डिफेंस बफर जोन में प्रवेश किया।
ऐसे में ताइवान ने चीन की इस धोखेबाजी हरकत का जवाब देते हुए अपने लड़ाकू विमानों को रवाना कर दिया है और चीन के विमानों को कड़ी चेतावनी दी है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वालों में 18 लड़ाकू विमान, पांच H-6 बमवर्षक विमान और ईंधन भरने वाला एक Y-20 शामिल था। फिलहाल चीन के इस हरकत के बाद से ताइवान के रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच हालात को 'बेहद गंभीर' बताया है।
चीन अमेरिका के इस फैसले से काफी भड़क
इसके साथ ही हम आपको बता दें, बीते दिनों ही ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच भी जबरदस्त टक्कर हो गई है। इस दौरान समिट फॉर डेमोक्रेसी इवेंट में अमेरिका ने कई देशों को बुलाया है। लेकिन इस समिट से रूस, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों को आमंत्रित नहीं किया गया बल्कि अमेरिका ने ताइवान को बुलाया।
जिसके चलते ताइवान ने भी अमेरिका की जो बाइडन सरकार के इस कदम का आभार जताया है। जिससे अब चीन अमेरिका के इस फैसले से काफी भड़क गया है। इस बारे में चीन का बयान भी सामने आया है। जिसमें चीन ने कहा है कि ताइपे को ग्लोबल मंच देने से अमेरिका को चोट पहुंचेगी। चीन ने इस आयोजन का उद्देश्य अमेरिकी जियोपॉलिटिकल गेमको आगे बढ़ाना बताया है।
जबकि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन ताइवान को लोकतंत्र के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिकी अधिकारियों द्वारा ताइवान के निमंत्रण का कड़ा विरोध करता है। वहीं अब चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।