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चीन ने मुंबई अटैक को बताया कुख्यात आतंकी हमला
चीन के विदेश परिषद सूचना कार्यालय द्वारा जारी किए गए इस पत्र में कहा गया कि विश्व भर में आतंकवाद एवं उग्रवाद ने शांति एवं विकास को गहरा खतरा उत्पन्न किया है तथा लोगों के जीवन एवं संपत्ति को हानि पहुंचाई है।
नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति कारगर होती दिखाई दे रही है। वह इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि चीन ने लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए 2008 मुंबई अटैक को अति कुख्यात हमलों में से एक कहा है।
हालांकि अभी हाल ही में चीन ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति की बैठक में चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर आतंकी मशूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर ही अड़ंगा लगाया था।
आतंकवाद एवं उग्रवाद के फैलाव से मानवता को पीड़ा पहुंची है: चीन
अशांत शियानजियांग प्रांत में उग्रवादियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बारे में निकाले श्वेत पत्र में चीन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर आतंकवाद एवं उग्रवाद के फैलाव से मानवता को पीड़ा पहुंची है।
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इस श्वेत पत्र में मुंबई के आतंकवादी हमले को अति कुख्यात आतंकवादी हमलों में से एक बताया गया है। आतंकवाद एवं उग्रवाद के विरूद्ध लड़ाई तथा शियानजियांग में मानवाधिकारों का संरक्षण शीर्षक यह पत्र ऐसे समय में निकाला गया जबकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन की यात्रा पर गए हुए हैं।
चीन के विदेश परिषद सूचना कार्यालय द्वारा जारी किए गए इस पत्र में कहा गया कि विश्व भर में आतंकवाद एवं उग्रवाद ने शांति एवं विकास को गहरा खतरा उत्पन्न किया है तथा लोगों के जीवन एवं संपत्ति को हानि पहुंचाई है।
यह श्वेत पत्र ऐसे समय में आया है जबकि इससे पहले चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी करार देने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी। चीन के इस कदम को भारत ने निराशाजनक बताया है।
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गौरतलब है कि जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें सीआरपीएफ के 40 कर्मी शहीद हो गए थे। इस हमले के बात भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव में काफी बढ़ गया था। ऐसे में कहा जा रहा है कि चीन भी आतंकवाद के खिलाफ है। लेकिन वह पाकिस्तान के प्रति अपने प्रेम के चलते आतंकी प्रतिबंधों के खिलाफ है।