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Coronavirus Leak: चीन ने कोरोना लीक मामले पर एलोन मस्क को धमकाया
Corona Leak: चीन ने ट्विटर के सीईओ एलोन मस्क को कोरोना वायरस के वुहान लैब लीक सिद्धांत को बढ़ावा देने वाले पोस्ट साझा करने के खिलाफ धमकी भरी चेतावनी दी है। चीन ने कहा है कि इस तरह की टिप्पणी टेस्ला कंपनी के चीन के साथ रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती है।
Twitter and Tesla CEO Elon Musk (Photo: Social Media)
Corona Leak: चीन ने ट्विटर के सीईओ एलोन मस्क को कोरोना वायरस के वुहान लैब लीक सिद्धांत को बढ़ावा देने वाले पोस्ट साझा करने के खिलाफ धमकी भरी चेतावनी दी है। चीन ने कहा है कि इस तरह की टिप्पणी टेस्ला कंपनी के चीन के साथ रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती है। चीन सरकार द्वारा संचालित ग्लोबल टाइम्स अखबार के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर यह चेतावनी आई है। एलोन मस्क ने अमेरिका के ऊर्जा विभाग की उस रिपोर्ट पर टिप्पणी की है जिसमें कहा गया है कि वुहान की लैब में कोरोना वायरस तैयार किया गया और वहीं से ये लीक हुआ।
मस्क का ट्वीट
मूल ट्वीट, "कानेकोआ द ग्रेट" नाम के ट्विटर खाते से किया गया था। इसमें सवाल किया गया था कि क्या एंथोनी फौची सी कोरोना वायरस के डेवलपमेंट में शामिल थे क्योंकि उन्होंने "वुहान लैब में अनुसंधान" को वित्त पोषित किया था।
इसके जवाब में मस्क ने ट्वीट किया कि - उन्होंने (फौची ने) इसे एक पास-थ्रू संगठन (इकोहेल्थ) के माध्यम से किया। मस्क ने उस गैर-लाभकारी समूह का जिक्र किया जिसे चीन में बैट कोरोनविर्यूज़ का अध्ययन करने के लिए संघीय अनुसंधान अनुदान में लगभग 8 मिलियन डॉलर से सम्मानित किया गया था।
टाइम्स की चेतावनी
ग्लोबल टाइम्स ने मस्क को चेतावनी दी कि वह "चीन के बर्तन को तोड़ सकता है।" इस कहावत का मतलब है - "उस हाथ को काटना जो आपको खिलाता है।" आपको बता दें कि एलोन मस्क की टेस्ला कंपनी की शंघाई में एक फ़ैक्टरी है। चीन टेस्ला कंपनी का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा बाजार है।
लैब लीक थ्योरी
वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा एक वर्गीकृत खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने निष्कर्ष निकाला है कि कोरोना वायरस वुहान, चीन की एक प्रयोगशाला से आया है। तथाकथित लैब लीक थ्योरी अमेरिका में एक वर्ग द्वारा साजिश या "फ्रिंज" सिद्धांत के रूप में व्यापक रूप से खारिज कर दिया गया था। इसे डेमोक्रेट्स, प्रमुख समाचार आउटलेट्स और सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा महामारी के शुरुआती चरणों में "गलत सूचना" के रूप में लेबल किया गया था, और इस सिद्धांत को जनता के बीच फैलने से रोक दिया गया था। अब इसी सिद्धांत को न सिर्फ ऊर्जा विभाग बल्कि एफबीआई ने स्वीकार किया है। ऊर्जा विभाग की रिपोर्ट तो बाकायदा व्हाइटहाउस को दी गई है।