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Xi Jinping: और मजबूत हुए शी जिनपिंग, कम्यूनिस्ट पार्टी ने तारीफों के पुल बांधे

Xi Jinping: चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति की छठवीं विस्तृत बैठक (Sixth Meeting of the Central Committee of the Communist Party of China) में पार्टी के इतिहास का तीसरा ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया।

Neel Mani Lal
Report Neel Mani LalPublished By Ragini Sinha
Published on: 13 Nov 2021 11:32 AM IST
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China news: और मजबूत हुए शी जिनपिंग (social media)

Xi Jinping: चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) की पोजीशन ऐतिहासिक मजबूती हासिल कर चुकी है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of China) के नेताओं ने देश के एक नए राजनीतिक इतिहास को मंजूरी देते हुए जिनपिंग के दर्जे को जिस तरह और ऊंचा कर उन्हें पार्टी के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं के समकक्ष रख दिया है, वह अभूतपूर्व है।

जिनपिंग की विचारधारा को 'चीनी संस्कृति का सार' बताया

चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति की छठवीं विस्तृत बैठक (Sixth Meeting of the Central Committee of the Communist Party of China) में पार्टी के इतिहास का तीसरा ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें जिनपिंग ( Xi Jinping political career) की प्रशंसा के पुल बाँध दिए गए। प्रस्ताव में जिनपिंग की विचारधारा (Xi Jinping ki vichardhara) को 'चीनी संस्कृति का सार' (chini Sanskriti ka saar) बताया गया। पार्टी के बयान में जिनपिंग की विचारधारा को 'देश के पुनर्जीवन' के लिए 'निर्णायक रूप से महत्वपूर्ण' बताया गया है। पार्टी नेताओं के बयान और प्रस्ताव के जरिये अगले साल जिनपिंग के कार्यकाल को और आगे बढ़ाने की जमीन तैयार कर दी गयी है। पार्टी के नेतृत्व का जो प्रस्ताव पारित हुआ है वो पार्टी के 100 साल के इतिहास का सिर्फ तीसरा प्रस्ताव है।

दरअसल, शी जिनपिंग ने निजी स्तर पर इतनी शक्ति हासिल कर ली है जितनी 1980 में डेंग शियाओपिंग के बाद किसी दूसरे नेता ने हासिल नहीं की थी। अब लगभग पक्का माना जा रहा है कि जिनपिंग पार्टी (Xi Jinping wikipedia) के महासचिव पद पर लगातार तीसरी बार बने रहेंगे। पार्टी में पिछले दो दशकों से जो परंपरा रही है उसके मुताबिक 68 वर्षीय जिनपिंग (Xi Jinping profile) को अगले साल पद से इस्तीफा देना चाहिये लेकिन अब वो परंपरा बदल दी गई है और जिनपिंग तीसरे कार्यकाल की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पार्टी ने शी जिनपिंग के लिए राष्ट्रपति के पद पर बने रहने की कार्यकाल की सीमा को 2018 में ही खत्म कर दिया था।

100 साल में तीसरा प्रस्ताव

चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी ( Communist Party of China) के 100 साल के इतिहास में पहला प्रस्ताव कम्युनिस्ट सरकार के पहले नेता माओ के समय में पारित किया गया था और दूसरा डेंग शियाओपिंग (हDeng Xiaoping) के समय में पारित किया गया जब उन्होंने उन सुधारों की शुरुआत की जिन्होंने चीन (China) को एक आर्थिक महाशक्ति बना दिया। ऐसे एक प्रस्ताव को जिनपिंग के समय में जारी करने से साफ़ है कि उन्हें बाकी दोनों ऐतिहासिक नेताओं के बराबर का दर्जा दे दिया गया है। शी जिनपिंग, माओ के जनरलों में से एक के बेटे हैं और पार्टी में उनका कोई प्रत्यक्ष प्रतिद्वंदी नहीं है।

चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी

चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी (CCP) 23 जुलाई 1921 को अस्तित्व में आई थी। इसकी स्थापना चीन के क्रन्त्रिकारी नेताओं ली दाझाओ और शेन दूशू ने एक राजनीतिक दल और क्रांतिकारी अभियान के रूप में की थी। वैसे, इसके भी पहले 1919 में मार्क्सवाद और शासन को अनावश्यूक मानने वाली राजनीतिक थ्योरी यानी अराजकतावाद जैसे पश्चिमी सिद्धांतों ने चीनी बौद्धिक समाज के बीच जड़ें जमा लीं थीं। शुरुआत में सीसीपी में सिर्फ 50 सदस्य थे। इसकी पहली बैठक सोवियत यूनियन की कम्यूनिस्ट पार्टी की मदद से शंघाई में हुई थी। 1934 – 35 के दौरान माओ ने पार्टी में लीडरशिप हासिल कर ली और 1976 में अपनी मृत्यु तक वे इसी पोजीशन पर रहे। 1945 से 49 के बीच चीन ने गृह युद्ध झेला और इसकी समाप्ति कम्यूनिस्टों की जीत के साथ हुई। इसके बाद माओ ने 1 अक्टूबर 1949 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना की स्थापना की घोषणा की थी। शुरुआत में सीसीपी ने विकास का सोवियत मॉडल अपनाया लेकिन 50 के दशक की समाप्ति पर सीसीपी ने सोवियत संघ से नाता तोड़ लिया।



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Ragini Sinha

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