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China: चीन ने डब्लूएचओ के चीफ पर उतारा गुस्सा, किया बयान को सेंसर

China News Today: डब्लूएचओ (WHO) के डायरेक्टर टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) से अब चीन (China) खफा हो गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 11 May 2022 3:54 PM GMT
China vents anger on WHO chief, censors statement
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चीनी प्रेसीडेंट शी जिनपिंग- टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस: Photo - Social Media

China News Today: डब्लूएचओ (WHO) के डायरेक्टर टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) से अब चीन (China) खफा हो गया है। घेब्येयियस अभी तक चीन के पिट्ठू माने जाने थे लेकिन अब उन्होंने चीन की बेहद सख्त जीरो कोरोना नीति पर सवाल उठा दिए हैं। इसका नतीजा ये हुआ है कि चीन के इंटरनेट पर उनकी बातों को सेंसर किया जा रहा है।

चीन के दो सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म - वीबो और वीचैट पर टेड्रोस की टिप्पणियों को टारगेट किया गया है। इन टिप्पणियों में टेड्रोस ने बीजिंग की नीतियों के साथ दुर्लभ असहमति व्यक्त की थी। टेड्रोस ने कहा था कि - जब हम जीरो कोरोना रणनीति के बारे में बात करते हैं, तो हमें नहीं लगता कि वायरस के व्यवहार को देखते हुए यह एक टिकाऊ नीति है। और भविष्य में हम क्या अनुमान लगाते हैं। टेड्रोस ने एक मीडिया ब्रीफिंग में ओमीक्रोन की बढ़ी हुई संप्रेषणीयता का हवाला देते हुए ये कहा था।

चीन की जीरो कोरोना नीति

उन्होंने कहा- हमने चीनी विशेषज्ञों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है और हमने संकेत दिया है कि यह दृष्टिकोण टिकाऊ नहीं होगा। मुझे लगता है कि एक बदलाव बहुत महत्वपूर्ण होगा। चीन की जीरो कोरोना नीति (china's zero corona policy) की टेड्रोस की आलोचना के चंद दिन पहले चीनी प्रेसीडेंट शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) ने जीरो कोरोना नीति को दोगुना करने और सभी आलोचकों के खिलाफ दृढ़ता से संघर्ष करने की कसम खाई थी।

चीन के ट्विटर जैसे वीबो पर संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक प्रेस अकाउंट ने बुधवार की सुबह टेड्रो की टिप्पणियों को पोस्ट किया था। लेकिन कुछ ही घण्टे बाद ये टिप्पणी देखी नहीं जा सकती थी। वीबो पर लिख कर आया कि - लेखक की गोपनीयता सेटिंग के कारण, पोस्ट देखने योग्य नहीं थी। यह स्पष्ट नहीं है कि किन परिस्थितियों में सेटिंग बदली गई थी।

टेड्रोस के नाम के एक वीबो हैशटैग को भी सेंसर कर दिया गया है, जिसमें उनके चेहरे की फोटो को हटा दिया गया है। हालांकि उनके नाम वाले पोस्ट अभी भी दिखाई दे रहे हैं। लॉकडाउन, बड़े पैमाने पर परीक्षण और क्वारंटाइन के चीन के जीरो कोरोना दृष्टिकोण ने पिछले दो वर्षों में अपनी अधिकांश आबादी को कोरोना से बचाया है, लेकिन इससे असंतोष भी बहुत बढ़ा है क्योंकि लॉकडाउन अधिक कठोर हो गया है और ओमीक्रान के तेजी से प्रसार के बीच लगातार हो रहा है।

शंघाई में छह सप्ताह के लॉकडाउन

देश का सबसे अधिक आबादी वाला और महानगरीय शहर, शंघाई, छह सप्ताह के लॉकडाउन से जूझ रहा है। इसने सार्वजनिक आक्रोश बहुत बढ़ गया है। जबकि राजधानी बीजिंग ने स्कूलों, रेस्तरां को बंद कर दिया है और वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लगातार बड़े पैमाने पर परीक्षण शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा स्थानीय सरकारें भी चंद केस के जवाब में तेजी से लॉकडाउन लगा रही हैं।

Shashi kant gautam

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