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Indo-China Relation: भारत-चीन सीमा विवाद में अमेरिकी दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं, ड्रैगन ने दी चेतावनी

Indo-China Relation: गलवान संघर्ष के बाद भारत – चीन के रिश्तों पर जमीं बर्फ अभी तक पिघली नहीं है। कई दौर की बातचीत होने के बावजूद सीमा पर दोनों मुल्कों की सेना आमने–सामने खड़ी है।

Krishna Chaudhary
Published on: 30 Nov 2022 7:11 AM GMT
China warns America for interfering in India-China border dispute
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भारत-चीन सीमा विवाद में अमेरिकी दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं, ड्रैगन ने दी चेतावनी: Photo- Social Media

Indo-China Relation: गलवान संघर्ष (Galwan Conflict) के बाद भारत –चीन (India-China) के रिश्तों पर जमीं बर्फ अभी तक पिघली नहीं है। कई दौर की बातचीत होने के बावजूद सीमा पर दोनों मुल्कों की सेना आमने–सामने खड़ी है। संघर्ष के शुरूआती दौर से ही अमेरिका भारत के पक्ष में मजबूती से खड़ा रहा है। इस बीच व्हाइट हाउस में नेता बदले लेकिन भारत के प्रति नजरिया नहीं बदला। बाइडन प्रशासन भी चीन के साथ जारी विवाद को लेकर उतने ही मुस्तैदी के साथ भारत के साथ खड़ा है, जितना कि ट्रंप प्रशासन था।

भारत को मिल रहा अमेरिकी समर्थन ड्रैगन को खटकने लगा है। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना यानी पीआरसी के अधिकारियों ने यूएस को भारत-चीन सीमा विवाद से दूर रहने की चेतावनी दी है। इसका खुलासा अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की उस रिपोर्ट में किया गया है, जिसे कांग्रेस में पेश किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों के चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में दखल ना दें।

दरअसल, ड्रैगन की ये चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब भारत और अमेरिकी सेना संयुक्त रूप से एलएसी यानी चीन सीमा के बेहद नजदीक सैन्य अभ्यास कर रही है। ये सैन्य अभ्यास 15 नवंबर को शुरू हुआ था जो कि 2 दिसंबर तक चलेगा। जिस जगह अभ्यास हो रहा है, वह एलएसी से मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर है। चीन की चेतावनी को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।

भारत के साथ तनाव कम करना चाहता है चीन

पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन भारत के साथ तनाव को कम करना चाहता है ताकि वह पूरी तरह से अमेरिका के पाले में ना चला जाए। चीन की मंशा सीमा पर स्थिरता कायम करना है और भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंध को बेहतर करना है। चीन नहीं चाहता कि गलवान मुद्दे के कारण भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध के अन्य क्षेत्र भी प्रभावित हों।

पेंटागन की रिपोर्ट में चीन पर आरोप

अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में साल 2020 की गर्मियों में दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष के बाद बने गतिरोध के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया गया है। पेंटागन ने कहा कि 2021 के दौरान चीनी सेना यानी पीएलए ने सीमा पर अवैध रूप से बलों की तैनाती को बनाए रखा और वहां पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कार्य जारी रखा। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों (भारत-चीन) के बीच बातचीत में न्यूनतम प्रगति हुई क्योंकि दोनों पक्ष सीमा पर अपने-अपने स्थान से हटने का विरोध करते हैं।

पेंटागन के रिपोर्ट के अनुसार, सभी देशों ने एक –दूसरे की सेना को वापस पीछे करने और गतिरोध से पहले वाली स्थिति में लौटने की मांग, लेकिन न तो चीन और न ही भारत उन शर्तों पर सहमत हुए। भारत का कहना है कि चीन उसके क्षेत्र में आक्रमक घुसपैठ किया है।

बता दें कि हाल ही में संपन्न जी20 देशों के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी शिरकत की थी। लेकिन दोनों नेताओं के बीच कोई आधिकारिक मुलाकात नहीं हुई।

Shashi kant gautam

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