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चीन का खौफनाक सच: सामने आया सर्वे, सबसे बोला था झूठ

कोरोना वायरस को लेकर चीन के वुहान में रहने वाले लोगों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से सिर्फ उनके शहर में ही 42,000 लोगों की मौत हो गई। ऐसे में चीन सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस से पूरे देश में केवल 3300 लोगों की जाने गई।

Vidushi Mishra
Published on: 30 March 2020 6:28 AM GMT
चीन का खौफनाक सच: सामने आया सर्वे, सबसे बोला था झूठ
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चीन का खौफनाक सच: सामने आया सर्वे, सबसे बोला था झूठ

नई दिल्ली : कोरोना वायरस को लेकर चीन के वुहान में रहने वाले लोगों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से सिर्फ उनके शहर में ही 42,000 लोगों की मौत हो गई। ऐसे में चीन सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस से पूरे देश में केवल 3300 लोगों की जाने गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हुबेई प्रोविन्स के अधिकारियों से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि कई निवासी अपने घरों में बिना जांच के ही मर गए। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर ही 28 हजार शव दाह किए गए थे, इसलिए अनुमानित आंकड़ा बढ़ाया-चढ़ाया गया नहीं है।

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कोरोना से मरने वालो लोगों को लेकर दावा

चीन के वुहान के स्थानीय लोगों का कोरोना से मरने वालो लोगों को लेकर दावा किया कि चीनी अधिकारियों की ओर से दिए गए आंकड़े के 10 गुने से भी अधिक है। दुनियाभर को तबाही के मंजर तक लाने वाले कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत चीन के वुहान से ही हुई थी।

इसी सिलसिले में वुहान में रहने वाले लोगों का कहना है कि अलग-अलग फ्यूनरल होम (शवदाह गृह) से परिजनों को रोज 500 अस्थि कलश दिए जा रहे हैं। ऐसे 7 फ्यूनरल होम हैं। मतलब प्रतिदिन लगभग 3500 लोगों को अस्थि कलश दिए जा रहे हैं।

बता दें कि हंकोऊ, वुचांग और हान्यांग में रहने वाले मृतकों के परिजनों को कहा गया है कि उन्हें अस्थि कलश 5 अप्रैल तक दिए जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसका मतलब है कि 12 दिनों में 42 हजार लोगों के अस्थि कलश बांटे जा सकते हैं।

इन सब जानकारियों से पहले स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया था कि हंकोऊ के फ्यूनरल होम में केवल 2 दिनों के अंदर 5000 अस्थि कलश की डिलीवरी कराई गई है। चीन से ऐसी रिपोर्टें तब आ रही हैं जब चीन ने हुबेई प्रोविन्स में लगाए गए लॉकडाउन में छूट देना शुरू किया है और स्थानीय स्कूल, मीट की बाजारें और मॉल भी खोले जा रहे हैं।

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ग्रीन हेल्थ सर्टिफिकेट

लेकिन जिन लोगों को ग्रीन हेल्थ सर्टिफिकेट दिए गए हैं, वे लोग ही हुबेई प्रोविन्स छोड़कर जा सकते हैं। ग्रीन सर्टिफिकेट का मतलब ये है कि उन लोगों के टेस्ट निगेटिव आए है।

बता दें कि 23 जनवरी से ही हुबेई में रोके लगाई गई हैं। 25 मार्च को पहली बार कई प्रतिबंध हटाए गए थे। हालांकि, वुहान शहर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध 8 अप्रैल तक जारी रहेंगे।

सूत्रों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, वुहान के एक व्यक्ति झांग ने बताया कि शवदाह गृह में काम करने वाले लोग 24 घंटे काम कर रहे हैं, इसलिए यह सही नहीं हो सकता कि इतने कम लोग मरे हों। माऊ सरनेम वाले एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि हो सकता है कि अधिकारी धीरे-धीरे वास्तविक आंकड़ा जारी कर हों ताकि लोग धीरे-धीरे वास्तविकता को स्वीकार कर लें।

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Vidushi Mishra

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