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China in Central Africa: अफ्रीका में चीनी नागरिकों पर भयानक हमला, 9 की हत्या
China in Central Africa: अफ्रीका के कई देशों में चीन का भारी निवेश और मौजूदगी है। अब पहली बार किसी अफ्रीकी देश में चीनी संस्थान या चीनी नागरिकों पर हमला किया गया जिसमें 9 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।
China in Central Africa: अफ्रीका के कई देशों में चीन का भारी निवेश और मौजूदगी है। अब पहली बार किसी अफ्रीकी देश में चीनी संस्थान या चीनी नागरिकों पर हमला किया गया जिसमें 9 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। ये घटना सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक देश की है जहां बंदूकधारियों ने एक चीनी-संचालित सोने के खनन स्थल पर धावा बोल दिया। इस खनन स्थल को हाल ही में लॉन्च किया गया था।
9 चीनी नागरिकों को मार डाला
हमलावरों ने नौ चीनी नागरिकों को मार डाला और दो अन्य को घायल कर दिया। हमले के लिए एक विद्रोही गठबंधन को दोषी ठहराया गया था लेकिन बाद में इस गठबंधन ने एक बयान दे कर इसने "वाग्नर ग्रुप" के रूसी भाड़े के सैनिकों पर हिंसा के पीछे होने का आरोप लगाया। रविवार तड़के का हमला बंदूकधारियों द्वारा कैमरून की सीमा के पास देश के पश्चिम में तीन चीनी नागरिकों का अपहरण करने के कुछ ही दिनों बाद हुआ है। अपहरण कांड के बाद राष्ट्रपति फॉस्टिन अर्चांगे तौदेरा ने निवेशकों को आश्वस्त करने के लिए चीन की यात्रा की योजना बनाई थी।
चिम्बोलो सोने की खदान पर हमला
यह चिम्बोलो सोने की खदान पर हमला सुबह करीब 5 बजे शुरू हुआ, जब बंदूकधारियों ने साइट के गार्ड पर काबू पा लिया और गोलियां चलानी शुरू कर दीं। शहर के मेयर एबेल मतिपाटा ने कहा कि खनन स्थल का शुभारंभ कुछ दिन पहले ही हुआ था। मारे गए लोगों के शव रविवार को बाद में राजधानी बांगुई लाए गए। वही स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि वे हमलावरों का पता लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि सरकार को देश में रहने वाले मध्य अफ्रीकियों और विदेशियों की रक्षा करने की अपनी क्षमता साबित करने में कठिनाई हो रही है।
किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली
फिलहाल इस हमले की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन कोएलिशन ऑफ पैट्रियट्स फॉर चेंज, या सीपीसी संदेह के घेरे में है। ये विद्रोही संगठन इसी क्षेत्र में सक्रिय है और नियमित रूप से देश की सशस्त्र बलों पर हमले करता है। विद्रोही गुटों का गठबंधन पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा बोजिजे के साथ है। हालांकि, सीपीसी के सैन्य प्रवक्ता ममदौ कौरा ने कहा कि ये आरोप झूठे हैं। उन्होंने बिना सबूत के दावा किया कि रूसी भाड़े के सैनिकों ने देश के इस हिस्से में मौजूद चीनियों को डराने के लक्ष्य के साथ हमले की योजना बनाई थी।
राष्ट्रपति ने रखा था काम पर
दरअसल रूसी भाड़े के सैनिकों के समूह को राष्ट्रपति फॉस्टिन अर्चांगे तौदेरा ने ही सुरक्षा और सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए काम पर रखा था। संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षकों द्वारा इस ग्रुप पर नरसंहार सहित मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है।
सबसे गरीब देशों में शामिल
मध्य अफ्रीकी गणराज्य अन्य चीजों के अलावा सोने और हीरे की विशाल खनिज संपदा के बावजूद दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। पिछले एक दशक में संकटग्रस्त देश में असंख्य विद्रोही गुटों ने स्वच्छंदता से ऑपरेट किया है और विदेशी कंपनियों द्वारा खनन की खोज को विफल कर दिया है।