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चीन पर बड़ा खुलासा: साइंटिस्ट मारे जाने का खतरा, डर से देश छोड़ कर भागी

इस बीच बात करते हुए चीनी साइंटिस्ट ली मेंग यान ने ये भी दावा किया कि वो उन कुछ चुनिंदा साइंटिस्ट में शामिल थीं जिन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस पर स्टडी की।

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Published on: 11 July 2020 2:59 PM IST
चीन पर बड़ा खुलासा: साइंटिस्ट मारे जाने का खतरा, डर से देश छोड़ कर भागी
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पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जूझ रही है। दुनिया में पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस ने अपना आतंक फैला रखा है। इस बीच दुनियाभर के कई देशों के डॉक्टर्स और साइंटिस्ट इस वायरस की वैक्सीन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। इस बीच एक प्रमुख चीनी साइंटिस्ट ने कोरोना वायरस को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है।

साइंटिस्ट ने कहा है कि जब चीन ने कोरोना वायरस के बारे में दुनिया को बताया उससे काफी पहले से चीन को वायरस के बारे में पता था। साइंटिस्ट डॉ. ली मेंग यान ने कहा कि सुपरवाइजर ने उनकी रिसर्च को भी नजरअंदाज कर दिया जिससे लोगों की जिंदगी बच सकती थी।

चीनी साइंटिस्ट को है मार दिए जाने का डर

चीनी साइंटिस्ट ली मेंग यान खुद अप्रैल में हॉन्ग कॉन्ग को छोड़ कर अमेरिका चली गईं। ली मेंग हॉन्ग कॉन्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की एक्सपर्ट रही हैं। इस बीच ली मेंग ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने कैंपस से निकलते वक्त उन्होंने काफी सावधानी बरती ताकि सेंसर और कैमरों की नजर से बच सकें। क्योंकि उन्हें डर था कि अगर पकड़ी गईं तो जेल में डाली जा सकती हैं या फिर उन्हें 'गायब' भी किया जा सकता है।

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एक मीडिया प्रकाशन से बात करते हुए चीनी साइंटिस्ट ली मेंग यान ने कहा कि चीन की सरकार उनकी प्रतिष्ठा को खत्म करने की कोशिश कर रही है और उन्हें चुप कराने के लिए साइबर अटैक करवाए जा रहे हैं। फिलहाल वह अज्ञात स्थान पर रह रही हैं। चीनी साइंटिस्ट ने आगे कहा कि उन्हें अपनी जिंदगी खतरे में महसूस हो रही है और उन्हें डर है कि वे अब कभी अपने घर लौट नहीं पाएंगी। उन्होंने कहा कि अगर वे कोरोना से जुड़ी सच्चाई चीन में बतातीं तो उन्हें गायब करके मार दिया जाता।

चीन को दिसंबर में ही पता चल गया था कोरोना

इस बीच बात करते हुए चीनी साइंटिस्ट ली मेंग यान ने ये भी दावा किया कि वो उन कुछ चुनिंदा साइंटिस्ट में शामिल थीं जिन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस पर स्टडी की। यान ने बताया कि चीन ने दिसंबर 2019 में हॉन्ग कॉन्ग के एक्सपर्ट को भी कोरोना पर रिसर्च करने से रोक दिया था। इसके बाद उन्होंने अपने जानने वालों से कोरोना की जानकारी जुटाई। चीन में ही पली बढ़ी और पढ़ाई करने वाली यान को चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के साइंटिस्ट ने 31 दिसंबर 2019 को ही बता दिया था कि कोरोना इंसान से इंसान में फैलता है। लेकिन तब तक चीन ने WHO या दुनिया को इसकी जानकारी नहीं दी थी।

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वहीं, 9 जून 2020 को एक बयान में WHO ने कहा था कि चीनी अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना इंसानों से इंसानों में नहीं फैलता है। ली यान ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कोरोना के मामले सामने आने के बाद शुरुआत में चीन के ज्यादातर डॉक्टर्स कहने लगे- 'हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते। हमें मास्क पहनने की जरूरत है।' यान ने कहा कि काफी मरीजों की समय पर जांच नहीं की गई और समय पर इलाज नहीं किया गया। यान ने कहा कि सुपरवाइजर ने उन्हें भी चुप रहने को कहा। उन्हें गायब करा दिए जाने की चेतावनी भी मिली।



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