TRENDING TAGS :
World News : दुनिया में क्लाइमेट इमरजेंसी
पूरी दुनिया इन दिनों बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के चलते परेशान है। इसका असर यह दिख रहा है कि दुनिया में कहीं इतनी भीषण बारिश हो रही है कि बाढ़ से तबाही मच जा रही है तो कई इलाके ऐसे भी हैं जहां पानी ही नहीं बरस रहा है और लोग सूखे की मार झेल रहे हैं। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि दुनिया के 153 देशों के 11 हजार 258 वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में दावा किया है कि पूरी दुनिया क्लाइमेट इमरजेंसी का सामना कर रही है।
वैज्ञानिकों ने किया पूरी दुनिया को आगाह
वैज्ञानिकों का यह महत्वपूर्ण अध्ययन बायोसाइंस नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है। ओरेगॉन स्टेट यूनिवर्सिटी के पर्यावरणविद् बिल रिप्पल और टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के क्रिस्टोफर वुल्फ ने यह अध्ययन किया है। ऑस्ट्रेलिया व दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ता भी इस अध्ययन में शामिल रहे। इस अध्ययन में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को बड़ी चुनौती मानते हुए पूरी दुनिया को इसके खतरे से आगाह किया गया है।
यह भी पढ़ें : PAK: इमरान को मिला 48 घंटे का अल्टीमेटम, क्या होगा सरकार का अगला कदम
नहीं सुधर रहे हालात
अध्ययन में कहा गया है कि 40 साल की वैश्विक जलवायु वार्ताओं के बावजूद हालात में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। पूरी दुनिया में लोग इस खतरे को रोकने के प्रति गंभीर रुख नहीं अपना रहे हैं। इसी कारण समस्या दिनों दिन गंभीर होती जा रही है और इसका हल निकालने विफल साबित हो रहे हैं। अध्ययन में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 40 साल, आर्थिक रुझान, जनसंख्या वृद्धि दर, प्रति व्यक्ति मांस उत्पादन और वैश्विक स्तर पर व्यापक रूप से पेड़ कटने का जिक्र किया गया है। इन्हीं वजहों से वैश्विक तापमान और महासागरों का जलस्तर बढ़ रहा है। महासागरों का बढ़ता जलस्तर आने वाले दिनों में कई महानगरों के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा।
ऊर्जा संरक्षण पर होना होगा गंभीर
इस अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया के सभी देशों को ऊर्जा संरक्षण पर गंभीरता से काम करना होगा। हमें उर्जा के उन स्रोतों के इस्तेमाल को बढ़ाना होगा, जिनका बार-बार इस्तेमाल किया जा सके। इससे हम कोयला जैसे जीवाश्म ईंधन को बचाने में कामयाब हो सकेंगे। धरती में बचे जीवाश्म ईंधन का अब और दोहन न करने के बारे में हमें सोचना होगा। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि इस अध्ययन से लोगों में जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरुकता बढ़ेगी और वे दुनिया दिनोंदिन विकट होती इस समस्या के प्रति सतर्क होंगे।