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मछुआरे को मिली 42 करोड़ साल पुरानी मछली, जानिए इसकी खास बातें
समुद्र अनेक जीवों से भरा पड़ा है। जिसके बार में हम कल्पना भी नहीं कर सकते। हिंद महासागर में मछुआरों ने डायनासोर के काल की विलुप्त हुई एक मछली को पकड़ लिया है।
नई दिल्लीः समुद्र अनेक जीवों से भरा पड़ा है। जिसके बार में हम कल्पना भी नहीं कर सकते। हिंद महासागर में मछुआरों ने डायनासोर के काल की विलुप्त हुई एक मछली को पकड़ लिया है। जिसका नाम 'सीउलैकैंथ' है। यह मछली चार पैरों वाली है। जिसे देख वैज्ञानिक भी हैरान हैं। इस मछली को पकड़ने के लिए मछुआरों ने एक अनोखे जाल का इस्तेमाल किया। जिसके वजह से यह मछली पकड़ी गई है।
बता दें कि यह मछली 45 करोड़ साल की प्रजाति की है। महासागर के पास मेडागास्कर के तट पर मछली पकने गए मछुआरों ने इसे पकड़ा। सबसे अहम बात यह है कि यह मछली डायनासोर के समय की है इसका जिंदा मिलना दुर्लभ है। इस के मछली चार पैरों के साथ 8 पंख भी हैं। इसके शरीर पर एक खास धारियां बनी हुई हैं।
दक्षिण अफ्रीका जर्नल ऑफ साइंस की माने तो इस जाल से शार्क के शिकार के कारण Coelacanth मछलियों के लिए खतरा है। साल 1980 में शार्क मछलिओं का शिकार तेज हो गया था। शोधकर्ताओं की माने तो शिकारियों ने जो जाल बनाया है इससे समुद्र से शार्क को फंसाया जाता है। जो मछलियों के लिए खतरनाक है। हालांकि यहां की सरकार शिकार को रोकने के लिए कुछ भी कदम नहीं उठाया है।
हैरत में वैज्ञानिक
आपको बता दें कि यह अद्भुत मछली मिलने के बाद से विज्ञान जगत हैरत में है। मोंगबे न्यूज के अनुसार, मेडागास्कर तट पर मछुआरे मछलियों को पकड़ने गए। मछुआरे शार्क मछली पकड़ने के फिराक में थे ताकि वह उन मछलिओं से तेल निकाल सके। जिसके लिए वे 'गिलनेट्स' जाल का इस्तेमाल किए जो समुद्र में 328 फुट से लेकर 492 फुट तक जा सकती है। जैसे ही शिकारियों ने जाल को समुद्र में डाला अचानक से जाल में 'सीउलैकैंथ' मछली भी फंस गई। जिसके बाद से लोगों में हड़कंप मच गया। जिसे देखने के बाद शोधकर्ता भी हैरान है।
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