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दुनिया में अभी तक सिर्फ 9 फीसदी लोगों को लगी है कोरोना वैक्सीन

दुनिया में अब तक मात्र 4.61 फीसदी लोगों को कोरोना की पूरी डोज़ लग पाई है। और मात्र 4.52 फीसदी लोगों को ही एक डोज़ लगी है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 19 May 2021 9:19 AM GMT
Only 9 percent of people have got corona vaccine
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कोरोना वैक्सीन(फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: दुनियाभर में कोरोना की वैक्सीन लगने का काम अलग-अलग स्टेज में है। डेटा बताते हैं कि दुनिया में अब तक मात्र 4.61 फीसदी लोगों को कोरोना की पूरी डोज़ लग पाई है। और मात्र 4.52 फीसदी लोगों को ही एक डोज़ लगी है। यानी सिर्फ 9.13 फीसदी लोगों को वैक्सीन मिल पाई है। एशिया में 1.95 फीसदी लोगों को दो डोज़ और 3.02 फीसदी को सिंगल डोज़ मिली है।

दुनिया में कोरोना की वैक्सीन लगने का काम दिसंबर में शुरू हुआ था। यानी 5 महीने में बहुत ज्यादा प्रोसेस नहीं हो पाई है। अभी बहुत लंबा सफर बाकी है। वैक्सीनेशन का बहुत से देशों में शुरुआती चक्र चल रहा है, कई देशों में बस नाममात्र वैक्सीनें लगीं हैं। बहुत से देशों में एक ही डोज़ लगी है।

वैक्सीन की खुराक

कोरोना वैक्सीन(फोटो-सोशल मीडिया)

भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में अभी अब दो खुराकों के बीच का अंतर बढ़ा दिया जा रहा है। फाइजर समेत दुनिया की कई वैक्सीन आठ से बारह सप्ताह के बीच ही दी जाएंगी। इम्‍युनोलाजी कहती है टीकाकरण में दो खुराकों के बीच कम से कम आठ सप्ताह का अंतराल शरीर में इम्यूनिटी विकसित करने के लिए बेहद कारगर होता है।

इससे वायरस के खिलाफ शरीर में बेहतर प्रतिरक्षा विकसित होती है। वायरोलाजिस्टों का मानना है कि कोरोना की वैक्सीन का असर दीर्घकालिक और लाभप्रद हो यह सुनिश्चित कर लिया जाना चाहिए। कोरोना की वैक्सीन के पहले डोज के बाद लंबे समय तक निगरानी करने पर ही पता चलेगा कि पहले डोज की एंटीबाडी कितने दिनों तक बनी रहेगी।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहली डोज लेने के चार सप्ताह बाद एंटीबाडी का स्तर बढ़ता है, जबकि 8 से 12 हफ्ते में यह अपने पीक पर पहुंच जाता है। इसके बाद एंटीबाडी का स्तर गिरने लगता है और अगर उसी समय वैक्सीन की दूसरी डोज दे दी जाती है तो एंटीबाडी तेजी से बढ़ती है और अपने पिछले शीर्षस्थ लेवल को भी पीछे छोड़ देती है।

Vidushi Mishra

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