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Corona Vaccine: कोरोना वैक्सीन और पाबंदियों के खिलाफ यूरोप, कनाडा, न्यूज़ीलैंड में जोरदार प्रदर्शन

Coronavirus: कनाडा में तो जनवरी के आखिरी हफ्ते से ट्रक चालकों ने कई शहरों में विरोध करना शुरू कर दिया था जो अभी तक चालू है। जर्मनी के बॉन शहर में हर सोमवार को वैक्सीन विरोधी लंबा मार्च निकाल रहे हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Divyanshu Rao
Published on: 11 Feb 2022 12:06 PM GMT
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वैक्सीन की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: सोशल मीडिया)

Corona Vaccine: महामारी के चलते लगी पाबंदियां और कोरोना वैक्सीन की अनिवार्यता के खिलाफ दुनिया के कई देशों में लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। कनाडा, फ़्रांस और अब न्यूज़ीलैंड में लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने लग गए हैं।ॉ

कनाडा में तो जनवरी के आखिरी हफ्ते से ट्रक चालकों ने कई शहरों में विरोध करना शुरू कर दिया था जो अभी तक चालू है। जर्मनी के बॉन शहर में हर सोमवार को वैक्सीन विरोधी लंबा मार्च निकाल रहे हैं। फ्रांस के अलग-अलग शहरों से सैकड़ों प्रदर्शनकारी कारों और बाइकों पर सवार होकर राजधानी पेरिस और बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स की ओर बढ़ रहे हैं। ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ का मुख्यालय भी है। न्यूज़ीलैण्ड में संसद के बाहर लोगों का धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है।

ट्रक चालक बीते 2 हफ्तों से कर रहे प्रदर्शन

करीब दो हफ्ते से कनाडा में ट्रक चालक कोरोना पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते शनिवार और रविवार को राजधानी ओटावा समेत क्यूबेक, विनिपेग, वेंकूवर जैसे शहरों में प्रदर्शन तेज हो गए। कनाडा के प्रदर्शनकारियों की तर्ज पर ही फ्रांस के प्रदर्शनकारी इसे "आजादी का काफिला" नाम दे रहे हैं।

कनाडा में ट्रक चालकों के प्रदर्शन का बड़ा कारण है अमेरिकी सीमा में दाखिल होने के लिए वैक्सीन की अनिवार्यता। इसी मामले पर प्रदर्शनकारियों ने 4 फरवरी को कनाडा की संसद का इलाका घेर लिया था।

ये प्रदर्शनकारी फ्रांस सरकार द्वारा जारी हेल्थ पास से नाखुश हैं। उनके मुताबिक जो लोग वैक्सीन नहीं लगवाये हैं, उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। फ्रांस में रेस्त्रां, थियेटर, सिनेमाहाल, ट्रेन जैसी जगहों पर वैक्सीन का प्रमाण दिखाना जरूरी है।

कोरोना वैक्सीन की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

जर्मनी के बॉन शहर में जनवरी की शुरुआत से लगातार हर सोमवार को वैक्सीन के विरोध में रैली निकाली जा रही है। ये प्रदर्शन अब तक शांतिपूर्ण ही रहे हैं और पुलिस की मौजूदगी में ही हुए हैं। इन लोगों का कहना कि किसी के साथ वैक्सीन के बारे में जोर जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए।

न्यूजीलैंड में भी प्रदर्शन

न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंग्टन में संसद के बाहर वैक्सीन और कोरोना पाबंदियों के विरोध में प्रदर्शनकारी जुटे हुए हैं। 10 फरवरी को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद से ज्यादा संख्या में लोग जुटने लगे हैं। प्रदर्शन स्थल पर अस्थायी टेंट बना लिए गए हैं, जिन्हें "आजादी का कैंप" नाम दिया गया है। न्यूजीलैंड में नियमों के मुताबिक, कुछ पेशेवरों जैसे अध्यापकों, डॉक्टरों, नर्सों, पुलिसकर्मियों और सैनिकों के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाना जरूरी है। प्रदर्शनकारी अनिवार्य वैक्सीन के साथ ही मास्क लगाने की शर्तों का विरोध कर रहे हैं।

कोरोना महामारी को अच्छी तरह से नियंत्रित करने के लिए न्यूजीलैंड की तारीफ होती रही है। करीब 50 लाख की आबादी वाले इस देश में कोरोना से 53 मौतें हुई हैं, जो बाकियों के मुकाबले काफी कम हैं। यहां के 77 प्रतिशत निवासी वैक्सीन लगवा चुके हैं। न्यूजीलैंड में आमतौर पर किसी भी धरने-प्रदर्शन में नेता प्रदर्शनकारियों की बात सुनने पहुँचते हैं। लेकिन इस बार संसद तक पहुंच चुके प्रदर्शनकारियों की बात सुनने के लिए पक्ष या विपक्ष से कोई नहीं पहुंचा है।

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Divyanshu Rao

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