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खत्म होगा कोरोना: इस साल Corona से मिल सकता है छुटकारा, सिर्फ करना है ये काम

Coronavirus 2022: नए साल के मौके पर संदेश देते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने कहा कि हमारा विश्व इस महामारी (Pandemic) के तीसरे साल (Third year) में प्रवेश कर रहा है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 3 Jan 2022 3:08 PM IST
Corona: देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच WHO का दावा, दुनिया में घट रहे केस
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टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Coronavirus 2022: दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों से खतरा दिन-प्रति-दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हालातों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने फिर से एक बार इस बात को बताया है कि इस साल 2022 में कोरोना (Covid-19) को हम खत्म कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए दुनिया को मिलकर कुछ सामूहिक काम करने होंगे।

कोरोना और नए वेरियंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए नए साल के मौके पर संदेश देते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने कहा कि हमारा विश्व इस महामारी (Pandemic) के तीसरे साल (Third year) में प्रवेश कर रहा है। अब ऐसे में आज भी यह हमारे लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। आगे उन्होंने कहा कि 2022 में हम कोरोना को आसानी से खत्म कर सकते हैं, पर इसके लिए हमें पहले असमानता (inequity) को खत्म करना होगा।

खत्म होगा कोरोना

बता दें, डब्ल्यूएचओ प्रमुख तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने अपने बयान में जिस असमानता की बात की है उसका मतलब ये है कि महामारी कोरोना को लेकर विश्व में असमानता एक तरफ अमीर देश कोरोना के खिलाफ संसाधनों के दम पर किसी तरह से कारगर तरीके से लड़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ गरीब देशों में आज तक 10 प्रतिशत आबादी को भी वैक्सीन नहीं लगी है.

असमानता को खत्म किए बिना कोरोना को खत्म नहीं कर सकते

आगे प्रमुख गेब्रेयेसस ने कहा कि हम सब जानते हैं कि कोई भी देश महामारी से बाहर नहीं है। लेकिन आज हमारे पास कोविड-19 (COVID-19) को रोकने और उसका इलाज करने के लिए बेहतर और अच्छी तकनीक के साथ संसाधन उपलब्ध हैं।

ऐसे में भी अगर हम इस महामारी को खत्म नहीं पाएं, तो इसका सबसे बड़ा कारण है असमानता है। असल में विश्व में जितनी ज्यादा असमानता रहेगी, इस वायरस के जोखिम से हम उतने ही अधिक प्रभावित होंगे। मतलब इसे हम खुद सावधानी बरतते हुए खत्म कर सकते हैं।


Vidushi Mishra

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