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Coronavirus: ट्रायल में फेल हो गई आस्ट्रा जेनका की कोरोना थेरेपी

Coronavirus: आस्ट्रा जेनका ने कहा है कि उसकी एंटीबॉडी थेरेपी संक्रमित लोगों में सुरक्षा प्रदान करने में असफल रही है। कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली ये कम्पनी अब कोरोना का इलाज ढूंढने में लगी है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shivani
Published on: 17 Jun 2021 11:19 AM IST (Updated on: 17 Jun 2021 11:35 AM IST)
Coronavirus: ट्रायल में फेल हो गई आस्ट्रा जेनका की कोरोना थेरेपी
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 एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (फोटो- सोशल मीडिया)

Coronavirus: कोरोना बीमारी के इलाज के लिए आस्ट्रा जेनका की दवाई ट्रायल में फेल हो गई है। इसकी एन्टीबॉडी कॉकटेल से कोरोना वायरस के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बन सकी हैं।

कोरोना का इलाज (corona treatment)

आस्ट्रा जेनका ने कहा है कि उसकी एंटीबॉडी थेरेपी संक्रमित लोगों में सुरक्षा प्रदान करने में असफल रही है। कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली ये कम्पनी अब कोरोना का इलाज ढूंढने में लगी है। इसने दो तरह की एंटीबॉडी के कॉकटेल की थेरेपी तैयार की है।

इस पर स्टडी की जा रही कि अगर इसे आठ दिनों के भीतर संक्रमित हुए व्यक्ति को दिया जाए तो उसमें बीमारी के लक्षण उत्पन्न होंगे कि नहीं।

एजेडडी7442 नामक इस थेरेपी पर की गई स्टडी में पाया गया कि ये लोगों में लक्षण पैदा होने से रोकने में 33 फीसदी प्रभावी है। लेकिन इस रिजल्ट को पर्याप्त नहीं माना गया है। यानी ऐसा मुमकिन है कि मरीजों में ऐसा प्रभाव दवा की वजह से नहीं बल्कि इत्तेफाक से हो गया हो।

तीसरे चरण की स्टडी में यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में 1121 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। इनमें ज्यादार प्रतिभागियों में स्टडी शुरू होने से पूर्व वायरस संक्रमण नहीं था।

अभी और रिसर्च होगी

आस्ट्रा जेनका कम्पनी कोरोना की थेरेपी पर लगातार रिसर्च कर रही है। उसे इस थेरेपी की सफलता की उम्मीद है। अभी इसके और ट्रायल किये जा रहे हैं ताकि ये पता चल सके कि ये कोरोना से बचाव में ज्यादा प्रभावी है या इलाज में।

अगला ट्रायल ऐसे लोगों के बड़े समूह में किया जाएगा जिनका इम्यून सिस्टम कैंसर या अंग प्रत्यारोपण के कारण कमजोर है और जिनको वैक्सीन से कोई फायदा नहीं मिलने वाला है।

क्या है ये थेरेपी

एजेडडी7442 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कैटेगरी की दवा है। ये शरीर में इन्फेक्शन से लड़ने वाली प्राकृतिक एन्टीबॉडी की नकल करती है। इस तरह की थेरेपी कई अन्य प्रतिद्वंद्वी कंपनियां डेवलप कर चुकी हैं जिनमें रिजेनेरन, एली लिली, ग्लैक्सो शामिल हैं। अमेरिकी नियामकों ने इन थेरेपी के इस्तेमाल की अनुमति भी दे रखी है। रिजेनेरन कम्पनी ने अपनी थेरेपी को प्रिवेंटिव दवा के रूप में इस्तेमाल करने के लिए अमेरिका में अनुमति माँगी हुई है।



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Shivani

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