Coronavirus: महामारी के खिलाफ जंग में फेल हो रहा अमेरिका! जारी की नई गाइडलाइन

Coronavirus: कोरोना महामारी के खिलाफ अमेरिका की जंग अब भी जारी है और इसके ख़त्म होने का कोई संकेत दूर दूर तक नहीं है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 21 July 2021 1:50 PM GMT
Coronavirus: महामारी के खिलाफ जंग में फेल हो रहा अमेरिका! जारी की नई गाइडलाइन
X
कोरोना जांच करते स्वास्थ्यकर्मी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Coronavirus: कोरोना महामारी के खिलाफ अमेरिका की जंग अब भी जारी है और इसके ख़त्म होने का कोई संकेत दूर दूर तक नहीं है। जिस तरह अमेरिका में वैक्सीनेशन (Covid-19 Vaccination) चल रहा था उससे लगता था कि जुलाई के मध्य तक स्थितियां बहुत हद तक सामान्य हो जायेंगी लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

मिसाल के तौर पर, पहले कहा गया था कि बच्चे पूरी स्वछंदता से स्कूल जाने लगेंगे और मास्क (Mask) की कोई जरूरत नहीं होगी लेकिन अब नई गाइडलाइन में कहा गया है जिस तरह डेल्टा वेरियंट (Delta Variant) फ़ैल रहा है उसके चलते बच्चों को मास्क पहनना अनिवार्य है। ये अनिवार्यता 2 साल के ऊपर के सभी बच्चों पर लागू है। सिर्फ एक इसी बात से पता चलता है कि अमेरिका किन हालातों में है।

अमेरिका के समाज में शेयर बाजार (Share Market) बहुत महतवपूर्ण स्थान रखता है। इसी हफ्ते डाउ जोन्स औद्योगिक औसत सूचकांक 700 अंक से ज्यादा गिर गया। साल भर के भीतर ये सबसे बड़ी गिरावट थी। इसका कारन डेल्टा वेरियंट को लेकर बढ़ी चिंताएं हैं जिससे ट्रेवल, मनोरंजन और उर्जा सेक्टर के शेयर धड़ाम हो चले हैं। सभी कंज्यूमर सेक्टर सुस्त पड़े हुए हैं और उनमें तेजी आने की कोई गुंजाइश भी नजर नहीं आ रही है।

वैक्सीनेशन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कनाडा वैक्सीनेशन में निकला आगे

वैक्सीनेशन की बात करें तो पड़ोसी देश कनाडा अब आगे निकल गया है। जहां पहले कनाडा वैक्सीनों की कमी से जूझ रहा था वहीं अब वहां अमेरिका की तुलना में फुल वैक्सीनेशन पाए लोगों की संख्या ज्यादा हो गयी है। अच्छी बात ये है कि 48.6 फीसदी अमेरिकी नागरिक अब पूर्ण रूप से वैक्सीन पा चुके हैं लेकिन अब भी बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो वैक्सीन लगवाना ही नहीं चाहते। तरह तरह के दुष्प्रचार, गलत जानकारी के चलते वैक्सीन के प्रति विरोध कम होने की बजाये और मजबूत होता जा रहा है।

सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के पूर्व निदेशक डॉ रिचर्ड बेसर का कहना है कि जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है उनका हश्र डेल्टा वेरियंट से संक्रमित होने का होगा। डॉ बेसर ने कहा कि बिना वैक्सीन लगे लोग जिस तरह एकसाथ जमा हो रहे हैं और साथ रह रहे हैं उसका अंजाम संक्रमण फैलने के रूप में सामने आयेगा।

बिडेन के सामने चुनौती

कई देशों की तरह अमेरिका के लोग भी उहापोह में हैं कि पारिवारिक जीवन और कामकाज के सम्बन्ध में वे सामान्य स्थिति में लौटने के लिए कितना और कहाँ तक जोखिम उठायें। ये कोरोना संकट का एक नया फेज़ है जो प्रेसिडेंट बिडेन (Joe Biden) के सामने एक नई चुनौती के रूप में पेश हो रहा है। चुनौती इस बात कि वे अपने नागरिकों को क्या सलाह दें, उनकी उहापोह की स्थिति को कैसे दूर करें।

बिडेन ने कोरोना संकट की चुनौतियों का सामना करने में वह सब कुछ किया है जो उनको करना चाहिए था। उन्होंने लोगों से वैक्सीनेशन के लिए विनती तक की लेकिन डेल्टा वेरियंट के आगमन ने बिडेन का मामला भी गड़बड़ा दिया है। वैक्सीनेशन के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को जिस तरह धक्का पहुँच रहा है उसमें ये देखने वाली बात होगी कि बिडेन अब क्या रणनीति अपनाते हैं।

बिडेन और डेमोक्रेटिक पार्टी के विरोधी वैक्सीन का मुखर विरोध कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों को वैक्सीन पर भरोसा नहीं है और ग्रामीण अमेरिकी वैक्सीन को संदेह की निगाह से देखते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना ज्यादा फैला नहीं था सो वहां रहने वालों को लगता है कि उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीं है। इन सब हालातों में प्रेसिडेंट की कोई अपील, कोई आग्रह या विनती ज़रा सा भी बदलाव ला पायेगी, इसमें संदेह है।

जो बिडेन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

अपने बयान से पलटे जो बिडेन

प्रेसिडेंट बिडेन ने एक टिप्पणी की थी कि फेसबुक लोगों की जान ले रहा है। लेकिन अब वो अपनी बात से पलट गए हैं। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बिडेन ने अब कहा है कि - 'फेसबुक लोगों को नहीं मार रहा, बल्कि 12 ऐसे लोग हैं जो झूठी जानकारी फैला रहे हैं जिनकी वजह से लोग मर रहे हैं।' बिडेन का इशारा सेंटर फॉर काउंटरिंग डिजिटल हेट के एक डेटा की तरह था जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन विरोधी झूठे प्रचार के लिए दर्जन भर लोग जिम्मेदार हैं। लेकिन प्रेसिडेंट बिडेन अपने पहले के बयान से क्यों पलट गए, ये स्पष्ट नहीं है।

बहरहाल, हालत ये हैं कि अमेरिका में एक हफ्ते पहले की तुलना में कोरोना के केस 66 फीसदी बढ़ गए हैं। दो हफ्ते पहले की तुलना में 145 फीसदी केस बढ़े हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद रोजाना 32 से 35 हजार केस आना चिंता की बात है।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shreya

Shreya

Next Story