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Coronavirus: एप्सिलोन वेरियंट लाया पाकिस्तान में कोरोना की चौथी लहर

पाकिस्तान में कोरोनावायरस का एक ऐसा वेरियंट मिला है जिसपर कोई भी वैक्सीन असर नहीं करती है। इस वेरियंट का नाम है ‘एप्सिलोन’ और ये सबसे पहले 2020 में अमेरिका में पाया गया था।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 4 Aug 2021 12:25 PM IST
Epsilon variant brought fourth wave of Corona in Pakistan
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एप्सिलोन वेरियंट लाया पाकिस्तान में कोरोना की चौथी लहर: फोटो- सोशल मीडिया

Coronavirus: अभी तो कोरोना वायरस के डेल्टा वेरियंट का प्रकोप तमाम देशों में आफत ढाए हुए हैं लेकिन इस बीच वायरस के एक पुराने वेरियंट ने चिंताजनक स्थिति खड़ी कर दी है। दरअसल, पाकिस्तान में कोरोनावायरस का एक ऐसा वेरियंट मिला है जिसपर कोई भी वैक्सीन असर नहीं करती है। इस वेरियंट का नाम है 'एप्सिलोन' और ये सबसे पहले 2020 में अमेरिका में पाया गया था। एप्सिलोन वेरियंट डेल्टा जैसा ही संक्रामक है और पाकिस्तान में कोरोना महामारी की चौथी लहर के पीछे यही वेरियंट है। भारत के पड़ोस तक इस वेरियंट का पहुँच जाना बेहद चिंताजनक है।

एक्सपर्ट्स और शोधकर्ताओं का कहना है कि एप्सिलोन वेरियंट अत्यंत संक्रामक है और सबसे खतरनाक बाते ये है कि अभी तक कोरोना की जितनी भी वैक्सीनें उपलब्ध हैं वे सब इस वेरियंट पर बेअसर हैं। पाकिस्तान में अचानक कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ने लगे हैं, लाहौर में ही पांच मामले सामने आये हैं। एप्सिलोन वेरियंट के बारे में माना जाता है कि अमेरिका में कोरोना से मची तबाही के लिए ये भी जिम्मेदार रहा है। खास तौर पर न्यूयॉर्क ने कोरोना वायरस का बहुत ही ज्यादा कहर झेला है और उसके पीछे एप्सिलोन वेरियंट ही रहा है। ये वेरियंट अमेरिका के अलावा 34 और देशों में पाया जा चुका है।

रिसेप्टर बाइंडिंग से वायरस कोशिकाओं में पहुंचता है

एप्सिलोन वेरियंट पर हुई स्टडी में पता चला है कि इसके स्पाइक प्रोटीन में तीन बदलाव हो चुके हैं। इनमें एक बदलाव इसके रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में है। रिसेप्टर बाइंडिंग के जरिये ही वायरस कोशिकाओं में प्रवेश करता है। वैक्सीनें भी वायरस के इसी हिस्से को टारगेट करती हैं। स्पाइक प्रोटीन में हुए बदलावों का ही नतीजा है कि इस वेरियंट पर वैक्सीनों का असर 70 फीसदी कम है। स्पाइक प्रोटीन के दो अन्य बदलाव एन-टर्मिनल डोमेन में हैं।

कोरोना वायरस एप्सिलोन वेरियंट:कांसेप्ट इमेज- सोशल मीडिया


एंटीबॉडी एप्सिलोन से लड़ नहीं पा रही

किसी संक्रमण से लड़ते समय एंटीबॉडीज एन-टर्मिनल में ही चिपकी रहती हैं। वायरस के एस्पिके प्रोटीन के इस हिस्से में बदलाव के चलते अब ये एंटीबॉडीज के प्रति भी प्रतिरोधक हो गया है यानी एंटीबॉडी इससे लड़ नहीं पा रही हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन सब हालातों के बावजूद वैक्सीन पर ही भरोसा और उम्मीद करनी चाहिए।

पिछले साल जब न्यूयॉर्क में कोरोना से लोग बीमार पड़ना शुरू हुए थे तो उनमें ह्रदय रोग से ले कर ब्रेन स्ट्रोक तक के लक्षण मिले थी और डाक्टर शुरुआत में समझ नहीं पा रहे थे कि इसकी वजह क्या है।

वैक्सीनेशन की रफ़्तार भी काफी धीमी है: फोटो- सोशल मीडिया

पाकिस्तान में कोरोना महामारी की चौथी लहर

बहरहाल, पाकिस्तान में अब कोरोना महामारी की चौथी लहर की शुरुआत हो चुकी है और स्थिति को संभालने के लिए नए प्रतिबन्ध लगा दिए गए हैं। पाकिस्तान में वैक्सीन भी चीन की बनी लग रही हैं और वैक्सीनेशन की रफ़्तार भी काफी धीमी है ऐसे में संक्रमण फैलने से नई तरह का संकट उत्पन्न हो गया है। देश की इमरान खान सरकार ने पाबंदियां लागू करने के लिए सुरक्षा बालों को भी तैनात कर दिया है।



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