TRENDING TAGS :
Coronavirus: कोरोना के लम्बडा वेरिएंट का कहर, वैक्सीन भी बेअसर, 30 देशों में फैला
Coronavirus: विश्व के 30 देशों में एंट्री कर चुका कोरोना वायरस का लम्बडा वेरिएंट डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट से भी खतरनाक साबित होता जा रहा है।
Coronavirus: डेल्टा प्लस और डेल्टा के साथ साथ अब कोरोना वायरस के लम्बडा वेरिएंट (Coronavirus Lambda Variant) ने भी दहशत पैदा कर दी है। इसकी वजह ये है कि शायद लम्बडा वेरिएंट पर वैक्सीन (Corona Vaccine) का कोई असर नहीं होता है और ये शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज (Antibodies) को चकमा देने में सक्षम है।
लम्बडा वेरिएंट (सी।37) लैटिन अमेरिकी देश पेरू में पिछले साल अगस्त में सामने आया था। आज पेरू में कोरोना से होने वाली मौतों की दर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है और इसके लिए लम्बडा वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है। लम्बडा को डब्लूएचओ ने पिछले महीने 'वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट' (Variant of Interest) घोषित किया था। इसका मतलब ये है कि इस वेरिएंट पर नजर रखी जा रही है। डब्लूएचओ (WHO) का कहना है कि लम्बडा वेरिएंट में कई म्यूटेशन समाहित हैं जिसकी वजह से ये ज्यादा संक्रामक और एंटीबॉडीज के प्रति ज्यादा रेजिस्टेंस वाला साबित हो सकता है।
30 देशों में अब तक फैल चुका है लम्बडा वेरिएंट
पेरू से निकल कर लम्बडा वेरिएंट अब 30 देशों में फ़ैल चुका है। इनमें अधिकांश देश लैटिन अमेरिका के हैं लेकिन यूनाइटेड किंगडम में भी लम्बडा के कम से कम 8 केस मिल चुके हैं। अमेरिका में अभी इस वेरिएंट का कोई केस नहीं मिला है। भारत में भी अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है।
पेरू में अप्रैल से कोरोना के जितने केस मिले हैं उनमें से 81 फीसदी लम्बडा वेरिएंट के हैं। पेरू की स्थिति ये है कि कोरोना से संक्रमित लोगों में से दस फीसदी की मौत दर्ज की जा रही है। जिससे पता चलता है कि ये वेरिएंट काफी घातक है।
कोरोना से मृत्यु दर के मामले में हंगरी दूसरे नंबर पर है जहाँ प्रति एक लाख संक्रमितों में से करीब 600 की मौत दर्ज की जा रही है। इस सूची में अमेरिका 21 वें स्थान पर है जहां प्रति एक लाख में 185 मौतें हैं।
वैक्सीनें भी हो सकती हैं बेअसर
लैटिन अमेरिका के एक अन्य देश चिली के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि लम्बडा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीनें भी बेअसर साबित हो सकती हैं। चिली में कोरोना से हो रही मौतों में से एक तिहाई के लिए लम्बडा वेरिएंट को जिम्मेदार पाया गया है। चिली के वैज्ञानिकों ने कहा है कि देश में व्यापक वैक्सीनेशन प्रोग्राम के बावजूद जिस तरह संक्रमण फैला रहा है उससे पता चलता है कि लम्बडा एंटीबॉडीज को निष्प्रभावी कर देता है।
वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में कहा है कि लम्बडा की स्पाइक प्रोटीन में ऐसे म्यूटेशन पाए गए हैं जो एंटीबॉडीज को बाईपास कर देते हैं। जिस तरह ये वेरिएंट पेरू, इक्वेडोर, चिली और अर्जेंटीना में तेजी से फ़ैल रहा है उससे इसे 'वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न' घोषित कर दिया जाना चाहिए। यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों ने भी यही बात कही है।
दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।