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Corona Booster Dose: यूरोपीय संघ की चेतावनी, बार बार बूस्टर लेने से खराब होगी इम्यूनिटी

Corona Booster Dose: यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के अनुसार हर चार महीने में बूस्टर खुराक को दोहराने से अंततः शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Monika
Published on: 12 Jan 2022 11:48 AM IST
Corona Booster Dose
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कोरोना बूस्टर शॉट (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Corona Booster Dose: कोरोना के खिलाफ़ बचाव के लिए पूरी दुनिया में बूस्टर देने (Corona Booster Dose) पर जोर है लेकिन अब यूरोपीय संघ (European Union) के नियामकों ने चेतावनी दी है कि बार-बार कोरोना बूस्टर शॉट प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल (Booster Dose affect immune system) सकते हैं।

यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के अनुसार हर चार महीने में बूस्टर खुराक को दोहराने से अंततः शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। एजेंसी ने कहा कि इसके बजाय देशों को बूस्टर कार्यक्रमों के बीच अधिक गैप छोड़ना चाहिए। ये भी कहा गया है कि हर क्षेत्र में ठंड के मौसम की शुरुआत में बूस्टर कार्यक्रम करना चाहिए, जैसा कि इन्फ्लूएंजा के मामले में किया जाता रहा है।

यह सलाह ऐसे समय में आई है जब कुछ देश बढ़ते ओमीक्रान संक्रमणों के खिलाफ और सुरक्षा प्रदान करने के लिए लोगों को बूस्टर का दूसरा इंजेक्शन देने पर विचार कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में इज़राइल 60 से अधिक उम्र वालों को दूसरा बूस्टर या चौथा इंजेक्शन देना शुरू करने वाला पहला देश बन गया है। यूके ने कहा है कि बूस्टर सुरक्षा के अच्छे स्तर प्रदान कर रहे हैं और फिलहाल दूसरे बूस्टर की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन जैसे-जैसे संक्रमण फैलेगा, डेटा की समीक्षा की जाएगी।

बूस्टर्स एक या दो बार किया जा सकता है!

यूरोपियन मेडिकल एजेंसी में जैविक स्वास्थ्य खतरों और वैक्सीनों की रणनीति के प्रमुख मार्को कैवेलरी ने कहा है कि बूस्टर्स एक बार या शायद दो बार किया जा सकता है, लेकिन यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे लगातार दोहराया जाना चाहिए। हमें इस बारे में सोचने की ज़रूरत है कि हम वर्तमान महामारी से अधिक स्थानिक में कैसे जा सकते हैं।

यूरोपीय संघ के नियामक ने यह भी कहा कि कोरोना के इलाज के लिए पैक्सलोविड और रेमेडिसविर जैसे ओरल और इंट्रावेनस एंटीवायरल ओमीक्रान के खिलाफ अपनी प्रभावकारिता बनाए रखते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि खास वेरियंट को टारगेट वाली वैक्सीन को अप्रैल तक मंजूरी मिल सकती है क्योंकि इस प्रक्रिया में लगभग तीन से चार महीने लगते हैं। दुनिया के कुछ सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं ने कहा है कि वे ऐसे टीके बनाने पर विचार कर रहे हैं जो नए वेरिएंट को टारगेट कर सकें।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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