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खत्म नहीं हुआ अभी कोरोना वायरस: नए वैरियंट्स का खतरा रहेगा बरकरार, वैज्ञानिकों ने दी बड़ी चेतावनी
दुनियाभर के कई देश बीते तीन सालों से कोरोना महामारी जैसे भीषण संकट का सामना कर रहे हैं।
Coronavirus: दुनियाभर के कई देश बीते तीन सालों से कोरोना महामारी जैसे भीषण संकट का सामना कर रहे हैं। महीनों इस संक्रमण से ग्रस्त रहने के बाद अब मामलों में कुछ गिरावट देखने को मिल रही है। कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रॉन के मामले कम होने के चलते अब वैज्ञानिकों ने बड़ी चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों को मानना है कि मामलों में कमी आने से ये न समझा जाए कि ये ही ओमिक्रॉन वेरियंट कोरोना का आखिरी वैरियंट था। क्योंकि आगे भी कोरोना के और भी नए वैरियंट्स का खतरा अभी बना हुआ है।
ऐसे में अब दुनियाभर में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के हल्के संक्रमणों के बीच नई लहर की बात सामने आई है। हालांकि अब कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद तमाम देश कोविड-19 प्रतिबंधों को पूरी तरह से वापस ले रहे हैं। लेकिन बहुत से लोगों का ये भी मानना है कि उन्हें कोविड-19 के साथ जीना है और अब यह कोरोना महामारी दूर हो रही है।
नए वैरियंट को लेकर सबसे बड़ा भ्रम
लेकिन महामारी को लेकर ऐसा सोचना सही नहीं है। क्योंकि यह संकट तब तक समाप्त नहीं होगा, जब तक कि कोरोना वायरस हर जगह खत्म नहीं हो जाता है। दूसरी तरफ सबसे बड़ा कारण है विकासशील देशों में वैक्सीनेशन की कमी। यहां पर वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार और स्वास्थ्य संबंधी प्रक्रियाओं में कमियां होने की वजह से कोरोना वायरस का प्रसार होता रहेगा। जबकि पूर्व में विकसित देशों द्वारा कोरोना वैक्सीन की जमाखोरी भी कोरोना वायरस संक्रमण की सबसे बड़ी वजह बना हुआ है।
ऐसे में अब इससे पहले पूरी दुनिया को ओमिक्रॉन की इस लहर से छुटकारा पाना है। ओमिक्रॉन बीते वेरिएंट की अपेक्षा में कम खतरनाक हो सकता है, लेकिन यह बहुत ज्यादा संक्रामक हो सकता है। ओमिक्रॉन की ही वजह से कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। इसका प्रमाण कोरोना की तीसरी लहर में मिल चुका है।
इस बारे में येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में कोरोना को लेकर विज्ञान के प्रोफेसर अकिको लवासाकी ने कहा कि, यह वायरस कुछ महीनों में अपना आकार बदलता है। जब हम डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन के बूस्टर शॉट को लेकर संतोष जाहिर कर रहे थे। इसी दौरान ओमिक्रॉन वेरिएंट हमारे सामने आ गया। हालांकि कोरोना वैक्सीनेशन से हम इस महामारी के खिलाफ लड़ने में कामयाब रहे और वैक्सीन अब आसानी से हर जगह उपलब्ध है।
साथ ही वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि यह मान लेना कि हालात हमारे नियंत्रण में, यह कहने में जल्दबाजी होगी। वहीं नई लहर और नई म्यूटेशन को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का ये मानना है कि कोरोना वायरस कभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं होगा, बल्कि संक्रमण की नई लहरें पैदा करने के लिए विकसित होता रहेगा और इसके नए म्यूटेशन सामने आते रहेंगे। जिसकी वजह से कोरोना वैक्सीनेशन में तेजी लाना बहुत जरूरी है।