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Coronavirus: कोरोना के खिलाफ वैज्ञानिकों ने ढूंढा सुरक्षा कवच, ऐसे होगी वायरस की छुट्टी
Coronavirus New Study: इस स्टडी में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि आम खांसी और छीकें टी कोशिकाओं (T cells) को बढ़ाने का काम करती हैं। ये कोशिकाएं शरीर में अलग अलग तरह के वायरस को पहचानने का काम करती हैं।
Coronavirus New Study: पूरी दुनिया करीब दो साल से कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Mahamari) के खिलाफ जंग लड़ रही है। इस दौरान तमाम देशों ने कोविड-19 के कई वेव और वेरिएंट्स (Covid-19 Variants) का सामना किया। अभी बीते साल नवंबर में ओमिक्रॉन वेरिएंट (Corona Omicron Variant) पाया गया है, जिसके बाद दुनियाभर में तेजी से कोरोना के मामले (Corona Ke Mamle) फिर से बढ़ने लगे हैं। भारत में भी बीते कुछ दिनों से डेली डेढ़ लाख से ज्यादा कोरोना केस दर्ज किए जा रहे हैं। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार लगातार राज्य व केंद्र शासित प्रदेश सरकार को सतर्क कर रही है।
अभी जहां ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार को धीमा करने के लिए सरकारें जरूरी कदम उठाने में जुटी हुईं है तो इस बीच कोविड के दो और अलग अलग वेरिएंट्स मिले हैं, हालांकि इनका प्रसार अभी ज्यादा नहीं है। लेकिन अब जहां कोरोना के नए नए वेरिएंट (Corona New Variant) का कहर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है, लोगों का कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) का पालन करना और अपना ख्याल रखना और भी ज्यादा जरूरी हो गया है। वैज्ञानिक लगातार ओमिक्रॉन के नए नए लक्षणों (Omicron Symptoms) के बारे में जानकारी दे रहे हैं ताकि लोग समय से अपना कोविड टेस्ट (Covid Test) करा सकें।
इसके साथ ही डॉक्टर यह भी सलाह दे रहे हैं कि केवल सर्दी जुकाम (Sardi Jukam) होना ही यह सुनिश्चित नहीं करता कि आप कोरोना से संक्रमित हैं, बल्कि यह मौसमी फ्लू का लक्षण हो सकता है। क्योंकि इस मौसम में सर्दी जुकाम (Cold And Cough) होना आम बात है। हालांकि लोग सर्दी जुकाम को कोविड का लक्षण (Covid Ka Lakshan) समझ तुरंत घबरा जा रहे हैं। इस बीच एक ऐसी स्टडी सामने आई है, जिससे आपको थोड़ी राहत मिल सकती है। दरअसल, नई स्टडी के मुताबिक, सर्दी जुकाम से शरीर में कोरोना वायरस (Corona Virus) से लड़ने की इम्युनिटी बढ़ती है। यह स्टडी इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने की है।
क्या है वैज्ञानिकों का कहना?
इस स्टडी में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि आम खांसी और छीकें टी कोशिकाओं (T cells) को बढ़ाने का काम करती हैं। ये कोशिकाएं शरीर में अलग अलग तरह के वायरस को पहचानने का काम करती हैं। जिस व्यक्ति के शरीर में अधिक मात्रा में टी कोशिकाएं मौजूद होती हैं, उनके कोविड संक्रमित होने की संभावना कम होती है। ये कोशिकाएं कोविड संक्रमण से बचा सकती हैं। डॉक्टर रिया कुंडू ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण खोज है, लेकिन ये सुरक्षा का केवल एक रूप है और केवल इस पर ही भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने लोगों को कोविड से बचने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज और बूस्टर डोज लगाने की सलाह दी है।
स्टडी में सामने आया है कि अब शरीर कोरोना वायरस की पहचान करने लगा है। एक संक्रमण को नष्ट करने वाली टी कोशिकाएं दूसरे संक्रमण के खिलाफ भी काम करती हैं। टी कोशिकाएं जिन प्रोटीन की पहचान करती हैं, वह बेहद कम म्यूटेंट होते हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर नई वैक्सीन में भी इन प्रोटीन को शामिल किया जाए तो मौजूदा और भविष्य में आने वाले कोरोना के अन्य वेरिएंट्स से बचा जा सकता है।
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