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Coronavirus New Variant: कोरोना ग्रस्त बच्चों में हो रही डायबिटीज, अलर्ट रहें माता-पिता
Omicron In Dangerous Form: अमेरिका (America) में छोटे बच्चे ओमीक्रान वेरियंट से बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं जिसके बाद उनमें डायबिटीज विकसित होने का खतरा उत्पन्न हो जा रहा है।
Coronavirus New Variant: अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रान वेरियंट (Omicron variant) से अमेरिका (America) में छोटे बच्चे बड़ी संख्या में संक्रमित (Omicron effect on young children) हो रहे हैं और अस्पतालों में भर्ती ऐसे बच्चों की संख्या रिकार्ड लेवल पर पहुँच गयी है। इस बीच अमेरिका की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) (center for disease control) ने एक नए प्रमुख और महत्वपूर्ण अध्ययन में कहा है कि जिन बच्चों को कोरोना (Crorona) हुआ है उनमें संक्रमण ठीक होने के बाद डायबिटीज (diabetes) डेवलप होने का खतरा है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये एक बेहद महत्वपूर्ण जानकारी है और चिकित्साकर्मियों को संक्रमित बच्चों की देखभाल करते वक्त इसका ध्यान रखना चाहिए। एक्सपर्ट्स के अनुसार, हेल्थ वर्कर्स को 18 वर्ष से कम आयु के उन लोगों में डायबिटीज के लक्षणों की जांच करनी चाहिए जिनको कोरोना संक्रमण हो चुका है। इन लक्षणों में जी मिचलाना, उलटी होना, बार-बार पेशाब आना, प्यास का बढ़ना, भूख में वृद्धि, वजन में कमी, थकान और पेट दर्द शामिल है।
बच्चों को कोरोना संक्रमण के बाद डायबिटीज का खतरा
सीडीसी ने एक रिपोर्ट जारी करके बताया है कि जिन बच्चों को कोरोना था उनमें संक्रमण के बाद डायबिटीज विकसित होने का खतरा उन बच्चों की तुलना में अधिक है जिन्हें कोई अन्य गैर-कोरोना संक्रमण नहीं था।
मधुमेह पहले से ही किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने के जोखिम को बढ़ाने और कोरोना संक्रमण को मधुमेह के लक्षणों को बदतर बनाने के लिए जाना जाता था। लेकिन नया अध्ययन गैर-मधुमेह वाले बच्चों में वायरस को पकड़ने और बाद में इसके परिणामस्वरूप एक नई बीमारी डेवलप करने के बीच एक स्पष्ट संबंध प्रदर्शित करता है।
कोरोना वायरस संक्रमण के 30 दिन बाद डायबिटीज की समस्या
सीडीसी की रिपोर्ट में लिखा है कि कोरोना वायरस संक्रमण (corona virus infection) के 30 दिन बाद 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों में डायबिटीज की नई समस्या पैदा होने की संभावना है। स्वास्थ्य बीमा दावों के डेटाबेस और बीते एक वर्ष के निदान के डेटा के अध्ययन के बाद सीडीसी के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन बच्चों को कोरोना था, उनमें डायबिटीज पता चलने की संभावना 166 फीसदी ज्यादा रही है। जिन बच्चों को कोरोना नहीं हुआ उनमें ये जोखिम मात्र 31 फीसदी पाया गया।
सीडीसी ने स्वीकार किया है कि नए मधुमेह मामलों का एक प्रतिशत उन बच्चों में होने की संभावना है जो कोरोना संक्रमित होने के समय प्रीडायबिटिक थे। अभी ये सपष्ट नहीं है कि डायबिटीज पैदा करने में वायरस की क्या भूमिका है और कोरोना जनित डायबिटीज स्थाई होता है या अस्थाई। सीडीसी ने डॉक्टरों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है।
बड़ी संख्या में छोटे बच्चे हो रहे संक्रमित
अमेरिका में 5 साल से कम उम्र बच्चों में कोरोना संक्रमण बहुत ज्यादा फैला रहा है और अस्पताल में इस उम्र के बच्चों के भर्ती होने की संख्या उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
सीडीसी के निदेशक डॉ. रोशेल वालेंस्की (CDC Director Dr. Rochelle Valensky) ने कहा है कि मौजूदा स्थिति बताती है कि बहुत छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि बड़े बच्चों और वयस्कों को वैक्सीन अवश्य लेनी चाहिए। दिसंबर के मध्य से अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रान देश भर में तेजी से फैल रहा है। कम उम्र के बच्चों में अस्पताल में भर्ती होने की दर प्रति 100,000 बच्चों में 2.5 से बढ़कर 4 से अधिक हो गई है। सीडीसी के आंकड़ों के अनुसार, 5 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों की दर लगभग 1 प्रति 100,000 है।
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