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Coronavirus : ब्रिटिश साइंस राइटर निकोलस वेड ने कोरोना की उत्पत्ति पर उठाए सवाल, जानें क्या है सच्चाई
Coronavirus : ब्रिटिश साइंस राइटर निकोलस वेड ने एक बार फिर चीन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
coronavirus : चीन के वुहान (wuhan) से कोरोना वायरस (corona virus) की उत्पत्ति पिछले साल शुरू हुई थी। आपको बता दें कि दुनियाभर में तबाही मचाने वाले इस महामारी को लेकर एक बार फिर वैश्विक चर्चा जारी है। इस वायरस की उत्पत्ति को लेकर कोई न कोई नए सवाल लोगों के सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि ब्रिटिश साइंस राइटर निकोलस वेड ने एक बार फिर चीन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उन्होंने बताया है कि वुहान से कोरोना वायरस की उत्पत्ति शुरू हुई थी। इसके साथ उन्होंने कहा "वुहान का वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट कोरोना वायरस का मुख्य अनुसंधान केंद्र है। इस केंद्र में मानव कोशिकाओं और चूहों को संक्रमित करने के लिए प्रयोग किया जा रहा था संभव है कि यहीं से यह वायरस इंसानों में जन्म लिया है। " इसके साथ उन्होंने बताया कि "अभी तक इस बात की पुष्टि पूरी तरह से नहीं है। चीन के इस इंस्टीट्यूट में मानव कोशिकाओं पर हमला करने के लिए चमगादड़ सम्बन्धी कोरोना वायरस बना रहे थे। "
ब्रिटिश के विज्ञान संबंधी मामलों पर लिखने वाले जाने माने लेखक निकोलस वेड ने चीन की मुश्किलें फिर से बढ़ा दी है। आपको बता दें कि निकोलस वेड ने "बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स " में एक लेख लिखा था जिसमें सार्स कोविड 2 की उत्पत्ति को लेकर सवाल खड़ा किया गया है। लेखक वेड का कहना है कि इस वायरस का जन्म एक प्रयोगशाला में हुआ है। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक इस बात की पुष्टि के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए हैं।
दुनियाभर के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों ने अभी तक कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन की वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट से हुई है इस बात से इंकार नहीं किया है। डाटा के आधार पर चीन की इस लैब से लीक होने की थ्योरी को वैज्ञानिकों ने अभी तक खारिज नहीं किया है। आपको बता दें कि वैज्ञानिकों का कहना है कि "विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर वुहान में हुई जांच पर ध्यान नहीं दिया गया है। " इसके साथ यह भी बताया गया है कि लैब थ्योरी को जांच के लायक नहीं समझा गया है।
निकोलस वेड ने चीन पर खड़े किए सवाल
ब्रिटिश साइंस राइटर निकोलस वेड ने बताया कि डॉ डास्जैक जानते थे कि वुहान के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में कोरोना वायरस की क्षमता बढ़ाने पर काम किया जा रहा था। इसके साथ उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम था कि इस अनुसंधान केंद्र में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए तैयारियों में कमी चल रही थी लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों को इस महामारी के संबंध में जानकारी देने के बजाय वायरस को लीक होने की सभी आशंकाओं को खारिज करने में जुट गए।