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Coronavirus Rumours : कौन है जोसेफ मेरकोला, कोरोना के दुष्प्रचार के सुपर स्प्रडेर क्यों और कैसे बने

Coronavirus Rumours: कोरोना के दुष्प्रचार के पीछे थे जोसेफ मेरकोला। 67 वर्षीय मेरकोला फ्लोरिडा के केप कोरल में हड्डियों के फिजीशियन हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shivani
Published on: 25 July 2021 4:01 PM IST
Coronavirus Rumours
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जोसेफ मेरकोला (Photo Social Media)

Coronavirus Rumours : लोग किससे और किस तरह प्रभावित हो जाएँ, कुछ कहा नहीं जा सकता। अच्छे लोग अपनी अच्छी बातों से प्रभावित करते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो गुमराह करने में माहिर होते हैं और इसी खासियत के चलते गलत दिशा में लोगों को इन्फ्लुएंस करते हैं। कोरोना महामारी में भी कुछ ऐसे लोग हैं जिनके द्वारा जानबूझ कर गलत बातें (Coronavirus Ki Galat Jankari) फैलाये जाने से लोगों में कोरोना की वैक्सीन के प्रति संदेह, अविश्वास और नफरत तक पैदा हो गयी है। ये मसला तमाम देशों में बड़ा सिरदर्द बन चुका है। अमेरिका में तो बकायदा 12 लोग चिन्हित किये गए हैं जो वैक्सीन विरोधी दुष्प्रचार (Covid Misinformation Chief Spreader) के जिम्मेदार बताये जाते हैं। प्रेसिडेंट जो बिडेन तक इन 12 लोगों का जिक्र कर चुके हैं। अमेरिका के जोसेफ मेरकोला (Joseph Mercola) इन 12 लोगों में टॉप पर हैं और वे गलत जानकारी के 'सुपर स्प्रेडर' (Super Spreader Of Covid Misinformation) करार दिए जा चुके हैं।

मिसाल के तौर पर 9 फरवरी को 3400 शब्दों का एक लेख ऑनलाइन प्रकाशित हुआ जिसमें वैक्सीनों की कानूनी परिभाषा पर सवाल उठाये गए थे और कहा गया था कि कोरोना वायरस की वैक्सीनें एक मेडिकल फ्रॉड हैं। लेख में कहा गया था कि वैक्सीन संक्रमण से नहीं बचाती है, इम्यूनिटी नहीं बढ़ाती और बीमारी का फैलाव नहीं रोकती है। लेख में उलटे ये दावा किया गया था कि वैक्सीन से 'आपकी जेनेटिक कोडिंग बदल जायेगी जिससे आप एक वायरल प्रोटीन फैक्ट्री में तब्दील हो जायेंगे।'


इन आधारहीन बातों का कोई महत्व नहीं है लेकिन लेख प्रकाशित होने के अगले कुछ ही घंटों में ये लेख इंग्लिश से स्पेनिश और पोलिश भाषा में अनुवाद किया गया और देखते देखते ये दर्जनों ब्लॉग में प्रकट हो गया। अमेरिका में वैक्सीन विरोधी एक्टिविस्टों की कोई कमी नहीं है सो उन्होंने इस लेख को हाथों हाथ लिया और ये फेसबुक पर आ गया जहाँ 4 लाख लोगों तक ये पहुँच गया।

जोसेफ मेरकोला कौन हैं (Joseph Mercola Kaun hain)

इस दुष्प्रचार के पीछे थे जोसेफ मेरकोला। 67 वर्षीय मेरकोला फ्लोरिडा के केप कोरल में हड्डियों के फिजीशियन हैं। वे और लम्बे समय से अप्रमाणित या बिना मंजूरी वाले इलाज को प्रमोट करते रहे हैं जिसके लिए उनके खूब निंदा हुई है और सरकारी नियामकों द्वारा कार्रवाई भी की जा चुकी है। लेकिन हाल फिलहाल वे इन्टरनेट पर कोरोना वायरस के बारे में गलत-सलत जानकारी के 'चीफ स्प्रेडर' माने जा रहे हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, जोसेफ मेरकोला इन्टरनेट के माहिर खिलाड़ी है और उनके पास दर्जनों लोगों का स्टाफ है। जबसे कोरोना महामारी शुरू हुई है तबसे मेरकोला कोरोना वैक्सीन पर संदेह जताते रहे हैं और इस बारे में वे 600 से ज्यादा लेख फेसबुक पर प्रकाशित कर चुके हैं। वैक्सीन के बारे में संदेह व्यक्त करने वालों में जोसेफ सबसे आगे हैं। वे यूट्यूब, इन्स्टाग्राम और ट्विटर पर बहुत एक्टिव हैं।


'काउंटरिंग डिजिटल हेट' नामक एक स्वयंसेवी संगठन ने एक स्टडी में बताया है कि सोशल मीडिया पर वैक्सीन विरोधी सामग्री में से 65 फीसदी सामग्री 12 लोग लोगों से आ रही है और इन 12 लोगों में जोसेफ मेरकोला टॉप पर हैं। इन 12 में रोबर्ट एफ केनेडी जूनियर और एरिन एलिज़ाबेथ शामिल हैं। एरिन, मेरकोला की गर्ल फ्रेंड हैं और 'हेल्थ नट न्यूज़' वेबसाइट की संस्थापक हैं।

कोरोना की गलत जानकारी क्यों फैलाते हैं मेरकोला (Galat jankari Kyun Failate Hain Marcola)

पिछले एक दशक में जोसेफ मेरकोला ने नेचुलर हेल्थ प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए काफी तामझाम फैलाया है। 2017 में मेरकोला ने एक शपथ पत्र में दावा किया था कि उनकी हैसियत 10 करोड़ डालर से ज्यादा की है। शिकागो में पैदा हुए मेरकोला ने इलिनॉय के शुम्बर्ग में 1985 में प्राइवेट प्रैक्टिस शुरू की थी। नब्बे के दशक में वे प्राकृतिक दवाइयों की तरफ शिफ्ट कर गए और अपने इलाज के तरीकों और सलाह के लिए अपनी वेबसाइट लांच की। 2003 में उन्होंने 'द नो ग्रेन डाइट' किताब छापी जो काफी लोकप्रिय हुई थी और न्यूयॉर्क टाइम्स ने उसे बेस्टसेलर करार दिया था। उसके बाद से वे लगभग हर साल एक नई किताब प्रकशित करते हैं। 2015 में वे फ्लोरिडा शिफ्ट हो गए थे।

मेरकोला का फ्लोरिडा और फिलिपीन्स में लम्बा चौड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर है जिसमें दो कम्पनियाँ भी शामिल हैं। अपने संसाधनों का प्रयोग करते हुए मेरकोला करीब अनेकों वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर दर्जन भर भाषाओँ में ब्लॉग पोस्ट्स, न्यूज़लेटर और विडियो प्रकशित करते हैं। उनको फॉलो करने वाले भी अच्छी खासी तादाद में हैं। उनके फेसबुक पेज पर 17 लाख से ज्यादा फालोवर हैं जबकि स्पेनिश भाषा वाले फेसबुक पेज पर 10 लाख फालोवर हैं। ट्विटर पर उनके 3 लाख फालोवर हैं जबकि यूट्यूब पर 4 लाख सब्सक्राइबर हैं। कौन सी चीज ऑनलाइन वायरल होगी, ये मेरकोला अच्छी तरह जानते हैं। वे नियमित रूप से एक ही कंटेंट के कई वर्जन पोस्ट करके टेस्ट करते हैं कि कौन सा वर्जन सबसे तेजी से ऑनलाइन वायरल होगा।

बहरहाल, मेरकोला अपनी ऑनलाइन पोस्ट में सीधे ये नहीं कहते हैं कि वैक्सीन काम नहीं करती है बल्कि वे वैक्सीन की सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं और ऐसे अध्यननों की चर्चा करते हैं जिनको डाक्टर नकार चुके हैं। सेंटर फॉर काउंटरिंग डिजिटल हेट न्यूज़ के निदेशक इमरान अहमद कहते हैं कि जोसेफ मेरकोला को सोशल मीडिया ने नई जिन्दगी दी है जिसका वे बखूबी इस्तेमाल करके लोगों को दिग्भ्रमित करते हैं।

सुपर स्पेडर मेरकोला की प्रतिक्रिया (Joseph Mercola Reaction)

इन आरोपों के बारे में मेरकोला कहते हैं – 'ये अजीब सी बात है कि मुझे गलत जानकारी फैलाने वाला नंबर वन सुपर स्प्रेडर कहा गया है। चंद लोगों द्वारा मेरी पोस्ट्स शेयर किये जाने से बिडेन के अरबों डालर के वैक्सीनेशन अभियान को कैसी भारी नुकसान हो रहा है, ये बात समझ से परे है।' मेरकोला का कहना है उनके खिलाफ किया जा रहा प्रचार राजनीतिक है। उन्होंने व्हाइट हाउस पर सोशल मीडिया कंपनियों के साथ मिलकर अवैधानिक सेंसरशिप करने का आरोप लगाया है।

बहरहाल, फेसबुक मेरकोला की तमाम पोस्ट्स को हटा चुका है, उनकी कई पोस्ट्स पर चेतावनी भी लिखी रहती है लेकिन उनके मुरीदों की कमी नहीं है और यही वैक्सीन अभियान के लिए चिंता का विषय है गलत जानकारी के 'सुपर स्प्रेडर' करार दिए गए हैं।



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Shivani

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