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तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्चों को राहत, Pfizer की कोरोना वैक्सीन है प्रभावी, जल्द मिलेगी अनुमति !

फाइजर और बायोएनटेक (Pfizer and BioNTech) ने कहा है कि कुछ परीक्षणों से पता चला है कि उनकी वैक्सीन सुरक्षित है और 5 से 11 साल की उम्र के बच्चों में एक मजबूत इम्यूनिटी बनाता है।

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Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 21 Sept 2021 7:06 AM IST
तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्चों को राहत, Pfizer की कोरोना वैक्सीन है प्रभावी, जल्द मिलेगी अनुमति !
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Corona Vaccine: बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की आशंका के बीच माता-पिता की चिंता जल्द दूर होने वाली है। कोरोना वैक्सीन की कंपनी फाइजर और बायोएनटेक (Pfizer and BioNTech) ने कहा है कि कुछ परीक्षणों से पता चला है कि उनकी वैक्सीन सुरक्षित है और 5 से 11 साल की उम्र के बच्चों में एक मजबूत इम्यूनिटी बनाता है।

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की मंजूरी बाकी

फाइजर बायोएनटेक (Pfizer and BioNTech) ने सोमवार को कहा कि वह फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) और यूरोपीय मेडिकल एजेंसी (EMA) में इस महीने के अंत तक बच्चों को टीका लगाने की अनुमति के लिए आवेदन करेगी। अब संभावना है कि इंमरजेंसी इस्तेमाल का अप्रूवल मिलने के बाद ये वैक्सीन बच्चों को दी जा सकेगी।


प्राइमरी स्कूल जाने वाले बच्चों पर हुआ ट्रायल

बता दें कि प्राइमरी स्कूल जाने वाले बच्चों पर फाइजर ने बेहद कम मात्रा के साथ टीके की खुराक का परीक्षण किया था। कंपनी के मुताबिक इस टीके की दूसरी खुराक के बाद 5 से 11 साल के बच्चों में कोरोना वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी उतनी ही मजबूत अवस्था में थे जैसे कि वे किशारों और युवाओं में मिलते हैं।

छह माह के बच्चों पर शोध जल्द

कंपनी का कहना है कि दो से पांच वर्ष और छह माह से दो वर्ष के बच्चों पर भी ट्रायल जल्द शुरू हो सकता है। पहले, दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल में अमेरिका, फिनलैंड, पोलैंड और स्पेन में छह माह से ग्यारह वर्ष तक के 4500 बच्चों पर 90 स्थानों पर परीक्षण हो सकता है। साथ ही डोज के बीच का अंतर 21 दिन का हो सकता है।

गंभीर स्थिति में जाने से बचाएगा टीका

इस मामले में वैक्सीन विशेषज्ञ डॉ. क्रिस्टिन ऑलिवर का कहना है कि ये राहत भरी खबर है। हम लंबे समय से इस उम्र के बच्चों के लिए टीका आने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा, हालांकि बच्चों को वयस्कों की तुलना में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण का खतरा कम है, इसके बावजूद कई बच्चे संक्रमण के कारण गंभीर स्थिति में जा रहे हैं।



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