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बड़ी संख्या में लोग छोड़ रहे काम, अमेरिका में पहली बार दिखा ऐसा ट्रेंड

अमेरिका में ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं। ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के अनुसार होटल, रेस्तरां और खुदरा बिजनेस में काम करने वाले प्रति 100 कर्मचारियों में से 5 लोगों ने पिछले महीने नौकरी को अलविदा कह दिया।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 22 Jun 2021 9:24 AM GMT (Updated on: 22 Jun 2021 9:25 AM GMT)
While there is a tremendous economic crisis in the Corona epidemic, a new trend is going on in America.
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कर्मचारी (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली:कोरोना महामारी में जहां जबर्दस्त आर्थिक संकट छाया है वहीं अमेरिका में एक नया ट्रेंड चल रहा है - ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं। इस सदी की शुरुआत से अभी तक के डेटा से पता चलता है कि इस साल मई महीने में सबसे ज्यादा लोगों ने नौकरियां छोड़ीं। कोरोना महामारी में जहां जबर्दस्त आर्थिक संकट छाया है वहीं अमेरिका में एक नया ट्रेंड चल रहा है - ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं।

अमेरिका के ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के अनुसार होटल, रेस्तरां और खुदरा बिजनेस में काम करने वाले प्रति 100 कर्मचारियों में से 5 लोगों ने पिछले महीने नौकरी को अलविदा कह दिया।

बड़ी तनख्वाह वाले भी शामिल

ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ कम तनख्वाह वाले कर्मचारी नौकरी छोड़ रहे हैं। ऊंची तनख्वाह और बड़ी नौकरी करने वाले सात लाख से अधिक लोगों ने मई महीने में इस्तीफा दे मारा है। ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के इतिहास में अभी तक की ये सबसे बड़ी संख्या है।

बहुत कर ली नौकरी

अमेरिका में सभी सेक्टरों और सभी पेशों में लगे लोगों में से चालीस फीसदी का कहना है कि वे काम छोड़ने की सोच रहे हैं। अब लोगों का मन नौकरी से ऊब चुका है।

क्या है वजह

बड़ी तादाद में लोगों के नौकरियां छोड़ने की कोई एक वजह नहीं ढूंढी जा सकी है। आमतौर पर एक्सपर्ट्स की थ्योरी है कि ये दौर कर्मचारी और बॉस के बीच रिश्ते में जबर्दस्त बदलाव का दौर है। जिससे भविष्य में काम करने के तरीकों पर व्यापक असर पड़ सकता है।

जहां तक कम वेतन वाले कर्मचारियों की बात है तो उनको महामारी के पूरे दौर में बेरोजगारी भत्ते का अच्छा खासा लाभ मिला। जब ऐसे लोग वापस काम पर लौटे तो उनको एहसास हुआ कि नौकरी में तो उन्हें बहुत कम पैसा मिल रहा है।

अब ऐसे लोग ज्यादा वेतन पर अड़ गए हैं जिससे रेस्तरां या स्टोर्स मालिकों को ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है। जो वेतन बढ़ाने को राजी नहीं है उनके यहां लोग काम छोड़ते जा रहे हैं। नतीजतन रेस्तरां उद्योग में वेतन बढ़ने का ट्रेंड हो गया है।

दूसरी ओर ऑफिसों में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि महामारी के दौरान उनको ज्यादा काम करना पड़ा और अब वे थक चुके हैं। ऐसे कर्मचारी भी अब बेहतर सुविधाओं और अन्य मांगें उठा रहे हैं।

ब्लूमबर्ग तथा मॉर्निंग कंसल्ट कम्पनी के एक सर्वे में पता चला है कि 40 से कम उम्र के आधे से ज्यादा कर्मचारियों का कहना है कि अगर उन्हें आगे घर से काम करने नहीं दिया गया तो वे काम छोड़ देंगे। ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा बड़ी संख्या में काम छोड़ने से दिखता है कि अब कर्मचारियों का रुख अब अपनी शर्तों पर काम करने का है।

श्रम अर्थशास्त्र

नौकरी या काम छोड़ने के साथ जीवन में निराशावाद, आलसीपन और आत्मविश्वास की कमी जैसे खराब पहलू जुड़े हुए हैं लेकिन श्रम अर्थशास्त्र में नौकरी छोड़ने का मतलब एकदम विपरीत होता है। ये माना जाता है कि नौकरी छोड़ने का मतलब कर्मचारियों में अपने भविष्य के प्रति एक आशावादी रवैया, कुछ नया करने की रुचि और एक आत्मविश्वास दिखता है कि अगर वे जहाज से कूद रहे हैं तो वे डूबेंगे नहीं बल्कि एक बेहतर और बढ़िया नौका में सवार हो जाएंगे।

नया स्वर्ण युग

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नौकरियों को अलविदा करने के इस ट्रेंड से अमेरिका में अब एक नए स्वर्ण युग की शुरुआत हो सकती है जो न सिर्फ श्रमिकों की शक्ति का युग होगा बल्कि नई टेक्नोलॉजी को लागू करने और प्रोडक्टिविटी ग्रोथ का युग होगा।

महामारी के दौरान जिस तरह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जबर्दस्त ढंग से बढ़ा है उससे श्रम उत्पादकता बढ़ने की दर बीते 20 साल में सर्वाधिक रही है। और इसकी रफ्तार अभी बढ़ती ही जा रही है। जो बदलाव आ रहे हैं उससे अंततः कामगार ही लाभान्वित होंगे।

Vidushi Mishra

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