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Coronavirus: कोरोना दो डोज की बात खत्म अब बारी है वैक्सीन की तीसरी-चौथी डोज की
Coronavirus: दुनिया भर में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग वैक्सीनों के सहारे लड़ी जा रही है।
कॉन्सेप्ट फोटो (फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)
Coronavirus: दुनिया भर में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग वैक्सीनों के सहारे लड़ी जा रही है। वैक्सीनेशन का काम सभी जगह जारी है। पर पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य हासिल करने में अभी समय है। कई देशों में अभी लोगों को एक ही डोज़ लग पाई है लेकिन कई देशों में अब वैक्सीन की तीसरी डोज़ लग रही है। चौथी डोज़ लगने की बात भी शुरू हो चुकी है। यह पाया गया है कि कोरोना की वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा सीमित समय तक रहती है। ऐसे में बूस्टर डोज़ दिया जाना जरूरी है। ब्रिटेन, अमेरिका, ग्रीस, बहरीन, यूएई, कनाडा और इजरायल आदि देश वैक्सीनेशान को अलगे लेवल पर ले जाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
अमेरिका में तो 13 अगस्त से ही फाइजर और मॉडर्ना की तीसरी डोज़ देने का काम जारी है। अब तक 10 लाख से ज्यादा लोगों को तीसरी डोज़ लगाई जा चुकी है। लेकिन ये सभी ऐसे लोग हैं जिनके साथ इम्यूनिटी की कोई न कोई समस्या है। मिसाल के तौर पर एड्स-एचआईवी पीड़ित, कैंसर के मरीज, अंग प्रत्यारोपण पाए लोग आदि। लेकिन अब स्वस्थ लोगों को भी तीसरी डोज़ देने की तैयारी है। अमेरिका के संक्रामक रोगों के टॉप एक्सपर्ट डॉ अन्थोनी फौची ने कहा है कि सभी लोगों को फाइजर की वैक्सीन की तीसरी डोज़ लगाने के बारे में 20 सितम्बर तक अप्रूवल मिल सकता है। इसके बाद इसका रोलआउट शुरू कर दिया जाएगा। डॉ फौची के अनुसार फाइजर के बाद मॉडर्ना की वैक्सीन की तीसरी डोज़ को भी मंजूरी मिल जायेगी। उन्होंने कहा कि फुल वैक्सीनेशन की परिभाषा में अब जल्द ही तीन डोज़ रखी जायेंगी।
ग्रीस में तीसरी डोज़ लगाने का काम 14 सितम्बर से शुरू हो रहा है। पहले चरण में उन लोगों को तीसरी डोज़ दी जायेगी जिनको इम्यूनिटी की समस्या है। इसके बाद 60 वर्ष के ऊपर के सभी लोगों तथा नर्सिंग होम में भर्ती लोगों को तीसरी डोज़ लगाई जायेगी। बहरीन में रूसी स्पुतनिक वैक्सीन को बतौर तीसरी बूस्टर डोज़ इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गयी है। ये बूस्टर डोज़ 18 साल से ऊपर के उन सभी लोगों को दी जायेगी जिनके कम से कम 6 महीने पहले स्पुतनिक वैक्सीन की दूसरी डोज़ लग चुकी है। बहरीन और यूएई इसके पहले फाइजर की वैक्सीन को तीसरी बूस्टर डोज़ के तौर पर इस्तेमाल करने की मंजूरी दे चुके हैं।
ब्रिटेन भी अब तीसरी डोज़ का रोल आउट करेगा। जिन लोगों में इम्यूनिटी की गंभीर समस्या है उनको सबसे पहले कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज़ लगाई जाएगी। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अनुसार तीसरी डोज़ देने का फैसला इस डेटा आधार पर किया गया जिसमें बताया गया है कि इम्यूनिटी की समस्या वाले 40 फीसदी लोगों में कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ के बाद भी एंटीबॉडी का लेवल बहुत कम देखा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि तीसरी डोज़ के रूप में फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा जबकि आस्ट्रा ज़ेनेका की वैक्सीन की बारे में बाद में फैसला लिया जाएगा। जहां कई देशों में तीसरी डोज़ की बात चल रही हैं वहीं इजरायल चौथी डोज़ के बारे में सोच रहा है। इजरायल के टॉप कोविड एक्सपर्ट सलमान ज़र्का ने कहा है कि इजरायल को कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज़ के रोल आउट के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वायरस अभी हमारे बीच मौजूद है। आगे भी मौजूद रहेगा सो हमें चौथे इंजेक्शन के लिए तैयारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि चौथी डोज़ के लिए वैक्सीन में कुछ बदलाव करने होंगे ताकि वह वायरस पर बेहतर ढंग से प्रहार कर सके। सलमान का कहना है कि लोगों को साल में एक बार या दो बार डोज़ देने की जरूरत बनी रह सकती है। इजरायल में पहले से ही लोगों को तीसरी डोज़ लगनी शुरू हो चुकी है। देश के स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले हफ्ते 12 साल के ऊपर के सभी लोगों को तीसरी डोज़ लगाने की मंजूरी दी है। दूसरी डोज़ लगने के कम से कम 5 महीने बाद तीसरी डोज़ लगाई जायेगी। भारत में अब तक कोरोना वैक्सीन की 68 करोड़ 70 लाख डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इनमें 16 करोड़ 11 लाख से ज्यादा लोग दोनों डोज़ पा चुके हैं। यानी जहाँ 38 फीसदी को कम से कम एक डोज़ लगी है वहीं 12 फीसदी जनता दोनों डोज़ पा चुकी है। भारत में दिसंबर तक सबको वैक्सीन देने का लक्ष्य है।