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Corona Variants: कौन-कौन से हैं कोरोना वेरिएंट, किसने मचाई कितनी तबाही
Coronavirus Variants: चीन को इस स्थिति में पहुंचाने वाला कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट का नया सबवैरिएंट BF.7 है, जो चीनी जनता पर कहर बनकर टूट रहा है।
Coronavirus Variants: दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश चीन इन दिनों कोरोना का भीषण दंश झेल रहा है। चीन महामारी के फैलने के दो साल बाद एक बार फिर साल 2020 वाली स्थिति का सामना कर रहा है। साम्यवादी सरकार के जीरो कोविड पॉलिसी के तीखे विरोध के बाद लॉकडाउन में काफी ढील दी गई, जिसका खामियाजा अब वहां की जनता भुगत रही है। अस्पतालों में बिस्तर और दवाईयों के लिए मारामारी हो रही है। देश के शवदाह गृह में 24 घंटे लाशें जल रही हैं। डॉक्टरों के क्लीनिक पर लोगों की लंबी-लंबी कतारें हैं।
चीन के हालात वर्तमान में अघोषित लॉकडाउन की तरह हो गए हैं। सड़कों पर खौफनाक सन्नाटा पसरा हुआ है। चीन को इस स्थिति में पहुंचाने वाला कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट का नया सबवैरिएंट BF.7 है, जो चीनी जनता पर कहर बनकर टूट रहा है। महामारी की शुरूआत से ही समय-समय पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से कोरोना के नए वेरिएंट सामने आए, जिसने खूब तबाही मचाई। आज हम आपको कोरोना के विभिन्न वेरिएंटों से रूबरू करवाएंगे।
कोरोना के वेरिएंट
साल 2020 से अब तक कोरोना के कई वेरिएंट सामने आ चुके हैं। जिनमें अल्फा, बीटा, गामा और ओमिक्रॉन वेरिएंट शामिल हैं। इन वेरिएंट में कई ऐसी चीजें हैं, जो इन्हें एक – दूसरे से अलग करती हैं। वायरस के म्यूटेशन के कारण इस तरह के अलग-अलग प्रकार सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन वेरिएंटों को दो श्रेणियों में विभाजित किया है। इनमें वेरिएंट ऑफ कंसर्न और वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट शामिल हैं। अल्फा, बीटा, गामा और ओमिक्रॉन को वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है। वहीं, लैम्बाडा और एमयू जैसे वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में रखा गया है।
अल्फा वेरिएंट
कोरोना के अल्फा वेरिएंट का पहला मामला साल 2020 के सितंबर माह में ब्रिटेन में सामने आया था। ये वेरिएंट यहीं से पूरी दुनिया में फैला था। इसने यूके के अलावा यूएस और अन्य देशों में भी भयानक तबाही मचाई थी। अमेरिका में इस वेरिएंट ने ऐसा कहर बरपाया कि लाखों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इस वेरिएंट में वैज्ञानिकों को 23 म्यूटेशन देखने को मिले थे। इस वेरिएंट का साइंटिफिक नाम B.1.1.7 है।
बीटा
बीटा वेरिएंट को साल 2020 में सबसे पहले साउथ अफ्रीका में देखा गया था। इसका साइंटिफिक नाम B.1.351 है। यह वेरिएंट अपने पुराने प्रकार से 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक था। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना का यह वेरिएंट उन लोगों को निशाना बनाता है जो कोरोना वायरस से उबर चुके हैं और जिन्हें कोरोना का टीका लक चुका है।
गामा वेरिएंट
कोरोना वायरस का गामा वेरिएंट सबसे पहले लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील में मिला था। ब्राजील दुनिया के उन देशों में शुमार जहां कोरोना ने जबरदस्त तबाही मचाई थी। हालांकि, इसमें पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो की लावरवाही का भी बड़ा योगदान है। ब्राजील में कोरोना के गामा वेरिएंट के कारण काफी मौतें हुई थीं। इसका वैज्ञानिक नाम P.1 है।
डेल्टा वेरिएंट
कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। साल 2020 के अक्टूबर माह में इसका पहला मामला सामने आया। इस वैरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.617.2 है। विश्व में इस वेरिएंट को सबसे अधिक संक्रामक माना गया। साल 2021 में अमेरिका में कोरोना के 50 प्रतिशत से अधिक मामले डेल्टा वेरिएंट के थे। वहीं, यूके में तो ये आंकड़ा 100 फीसदी के करीब पहुंच गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, डेल्टा वेरिएंट से जुड़े मामले दुनिया के 100 देशों में देखने को मिले।
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ओमिक्रॉन वेरिएंट के बारे में पिछले साल यानी 2021 में पता चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 नवंबर को इस वेरिएंट का नाम ओमिक्रॉन दिया था। इसका वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है। इस वेरिएंट का भी पहला मामला साउथ अफ्रीका में सामने आया था। कोरोना के इस वेरिएंट को काफी ज्याएदा इंफेक्शियस बताया जा रहा है। पिछले साल से अब तक कोरोना के इस वेरिएंट के कई सब वेरिएंट सामने आ चुके हैं। यह वेरिएंट रूप बदल – बदलकर लोगों की जिंदगियों पर खतरा बनकर मंडरा रहा है। चीन में ओमिक्रॉन का ही नया सबवेरिएंट BF.7 तबाही मचाए हुए है।