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वुहान लैब पर घेराबंदी से भड़का चीन, कहा-अमेरिका भी अपनी लैब्स की जांच कराए

कोरोना वायरस (Coronavirus) की उत्पत्ति को लेकर एक बार फिर चीन की घेराबंदी तेज हो गई है। इस वायरस के वुहान की लैब ( Wuhan Lab) में पैदा किए जाने के दावे जोरशोर से किए जा रहे हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shweta
Published on: 27 May 2021 10:59 AM GMT
लैब में जांच करते वैज्ञानिक
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 लैब में जांच करते वैज्ञानिक  (फोटोः सोशल मीडिया)

नई दिल्लीः कोरोना वायरस (Coronavirus) की उत्पत्ति को लेकर एक बार फिर चीन की घेराबंदी तेज हो गई है। इस वायरस के वुहान की लैब ( Wuhan Lab) में पैदा किए जाने के दावे जोरशोर से किए जा रहे हैं। इस थ्योरी से परेशान चीन ने अब अमेरिका पर हमला बोला है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर कॉन्सपिरेसी थ्योरी और गलत जानकारी फैलाने का बड़ा आरोप लगाया है। चीन का कहना है कि हमने अपने देश में डब्ल्यूएचओ की टीम को जांच की इजाजत दी थी और यदि अमेरिका वाकई में पूरी पारदर्शिता चाहता है तो उसे भी हमारी तरह ही अपनी लैब्स के दरवाजे जांच के लिए खोल देने चाहिए।

दरअसल वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के बाद अमेरिका और चीन में एक बार फिर वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है। वॉल स्ट्रीट जनरल ने हाल में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर चीन को ही वायरस के लिए गुनहगार ठहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने डब्ल्यूएचओ को 2019 में 8 दिसंबर को वुहान में कोरोना वायरस के संक्रमण की जानकारी दी थी। चीन ने इस मामले में डब्ल्यूएचओ को भ्रम में रखा क्योंकि एक महीना पहले ही वुहान की लैब में काम करने वाले तीन शोधकर्ता अस्पताल में भर्ती हुए थे और इन सभी में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए थे।

अखबार की रिपोर्ट में यह खुलासा भी किया गया है कि चीन के शोधकर्ताओं ने सात साल पहले दक्षिण पश्चिम चीन की एक खदान से कुछ नमूने इकट्ठे किए थे और इस दौरान कुछ खनिक चमगादड़ से पैदा हुई रहस्यमयी बीमारी से ग्रस्त हुए थे। अखबार में इन खनिकों के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने का शक जताया गया है।

कॉन्सेप्ट फोटो सोशल मीडिया

चीन ने वुहान थ्योरी को भ्रामक और गलत बताया

वॉल स्ट्रीट जनरल के इस खुलासे के बाद वैश्विक स्तर पर एक बार फिर चीन की घेरेबंदी तेज हो गई है। इस घेरेबंदी का जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर बड़ा हमला बोला है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने वुहान की लैब से वायरस के लीक होने के दावे को पूरी तरह भ्रामक और गलत बताया है। चीन ने कहा कि वुहान की लैब में कोरोना वायरस की उत्पत्ति की बात पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भी कही गई थी मगर अमेरिका की ओर से कोई सबूत नहीं पेश किया जा सका।

डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों से जांच कराए अमेरिका

चीन के प्रवक्ता ने कहा कि वुहान लैब की थ्योरी डब्ल्यूएचओ की जांच का अनादर करने वाली है। ऐसे झूठे दावों से इस खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए वैश्विक एकजुटता को कम करने का जोखिम पैदा होता है। चीन के प्रवक्ता ने कहा कि अगर अमेरिका पूरी तरह पारदर्शिता की नीति पर चलने का इच्छुक है तो उसे भी चीन की तरह अपनी लैब्स की जांच डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों से करानी चाहिए। फोर्ट डेटरिक का सैन्य बेस और अमेरिका की अन्य बायो लैब्स को जांच के लिए खोला जाना चाहिए।

कॉन्सेप्ट फोटो सोशल मीडिया

शुरुआत से ही चीन को घेर रहा अमेरिका

पिछले साल कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही अमेरिका वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन की घेरा बंदी करता रहा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान दावा किया था कि वुहान की लैब में ही इस खतरनाक वायरस की उत्पत्ति हुई जिसने पूरी दुनिया को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया। उन्होंने इस वायरस को चीनी वायरस तक की संज्ञा दे डाली थी। उन्होंने अमेरिकी एजेंसियों के पास इस बात का सबूत होने का भी दावा किया था।

तभी से अमेरिका और चीन के बीच इस वायरस को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा है। यह वायरस अभी तक दुनिया भर में 35 लाख से अधिक लोगों की जान ले चुका है। अब इस वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच नए सिरे से एक दूसरे की घेरेबंदी का दौर शुरू हो गया है। चीन की ओर से किए गए हमले पर अभी अमेरिका की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है।

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