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डब्ल्यूएचओ ने दी चीन को क्लीन चिट, अमेरिका समेत 14 देशों ने लताड़ा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम ने अपनी रिपोर्ट बताया है कि कोरोना वायरस वुहान की किसी लैब से नहीं निकला है
नीलमणि लाल
लखनऊ: कोरोना वायरस हमलोगों के बीच कहाँ से आ धमका है इस पर अभी तक रहस्य कायम है। शुरुआत तो चीन से हुयी थी लेकिन चीन में ये किसी प्रयोगशाला से निकला था या किसी मीट बाजार से ये पता किया जाना बाकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम चीन के वुहान का जांच दौरा करके आई है और उसने अपनी 120 पेज की रिपोर्ट भी सार्वजानिक कर दी है जिसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस वुहान की किसी लैब से निकला, ये कहना उचित नहीं होगा। उन्होंने ये भी कहा कि ये वायरस चमगादड़ के जरिए इंसान में आया लेकिन कैसे इस बारे में कुछ पता नहीं चल सका। इसमें ये भी कहा गया कि वायरस के लैब से लीक होने की बातें बेबुनियाद हैं क्योंकि सभी लैब अत्यापधुनिक तकनीक से लैस हैं।
प्रयोगशाला से वायरस लीक नहीं हुआ !
ध्यान रहे, जांच टीम ने ये नहीं कहा है कि प्रयोगशाला से वायरस लीक नहीं हुआ है। जांचकर्ता सिर्फ एक संभावना पर ही बात कर रहे हैं। इसकी वजह भी साफ़ है। पहली बात तो ये कि जांच टीम को महामारी शुरू होने के दस महीने बाद चीन जाने को मिला। दूसरी बात ये कि इस टीम को वहीँ जाने दिया गया जहाँ चीन की सरकार ने उसे इजाजत दी। टीम को किससे मिलना, कहाँ जाना है ये सब चीन सरकार ने तय कर रखा था। ऐसे में जांच क्या हुई होगी ये आसानी से समझा जा सकता है। इस रिपोर्ट की बॉटमलाइन ये है कि वायरस की उत्पत्ति के बारे में कभी मालूम नहीं पड़ सकेगा।
बहरहाल, डब्लूएचओ के मुखिया तेद्रोस अधानोम घेब्रेयेसुस ने जांच टीम की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अभी और जांच किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने की संभावना का पर्याप्त रूप से विश्लेषण नहीं किया गया है। उन्होंने ये भी कहा है कि वो इस एसेसमेंट में विश्वाीस नहीं रखते हैं कि सब कुछ पूरा हो चुका है। इस रिपोर्ट में टीम इस नतीजे पर जरूर पहुंची है कि वायरस के लैब से निकलने की बात जो कही जा रही थी वो पूरी तरह से मनघंड़त हैं। इसके बाद भी इन सभी तथ्यों की दोबारा पड़ताल करने की जरूरत है। उन्होंकने ये भी साफ कर दिया है कि वो इसके लिए अपने विशेषज्ञों की टीम को तैनात करने के लिए तैयार हैं।
14 देशों की आपत्ति
अमेरिका और जापान समेत 14 देशों ने विश्वय स्वा स्य्वो संगठन की इस रिपोर्ट पर चिंता जताई है। इन 14 देशों का कहना है कि संगठन ने अपनी रिपोर्ट को सही तरह से तैयार नहीं किया है। इसमें मूल डेटा और सैंपल को शामिल नहीं किया गया है। इन देशों से संगठन द्वारा रिपोर्ट में देरी किए जाने पर भी आपत्ति जताई है।
जिन देशों ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है कि उनमें अमेरिका, कनाडा, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, इस्तोंनिया और इजरायल भी शामिल हैं। इन सभी ने एक बयान में कहा है कि वो विश्वै स्वारस्य्टा संगठन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं साथ ही जो संगठन द्वारा इस महामारी को खत्मम करने के जो कदम उठाए हैं वो उसके समर्थन में हैं। इतना ही नहीं वो ये वायरस की शुरुआत कैसे हुई और कैसे ये दूसरे देशों में फैलता चला गया इसको भी समझते हैं। इसके बावजूद इन सभी देशों ने जिस बारे में अपनी चिंता व्युक्त की है उसको गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है।
जापान, लातविया, लिथुवानिया, नॉर्वे, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, स्लोीवानिया और ब्रिटेन ने भी अन्यस देशों द्वारा दिए गए इस बयान को सही बताते हुए इस पर अपनी सहमति दी है। इन सभी देशों का कहना है कि विश्वी स्वापस्य्रि संगठन की टीम के विशेषज्ञों ने चीन के वुहान में 14 जनवरी से 10 फरवरी के बीच जो रिव्यू् किया वो इस बात को जानने का पहला कदम होगा कि ये वायरस कैसे आया और कैसे फैला।
इस महामारी के लिए दुनिया के लगभग सभी देशों ने चीन की कड़ी निंदा की है। इन्होने चीन पर इसको फैलाने या उसके जरिए फैलने का अंदेशा जताया है। दुनिया के कई देशों ने इसमें चीन की भूमिका को संदिग्धव माना है।