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दुनिया में पहली बार बिटकॉइन को किसी देश में मिली मान्यता
अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने बिटकॉइन को लीगल करेंसी के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली: दुनियाभर में धूम मचाने वाली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन पर वैधानिकता की मुहर लग गई है। अब इसे डॉलर के बराबर का दर्जा और उसी की तरह प्रयोग में लाने की शुरुआत हो गई है।दरअसल, अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने बिटकॉइन को लीगल करेंसी के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया है। में अमेरिकी डॉलर की तरह लेनदेन में बिटकॉइन का प्रयोग किया जा सकेगा।
मियामी, फ्लोरिडा में बिटकॉइन 2021 सम्मेलन में अल सल्वाडोर के प्रेसिडेंट नाएब बुकेले ने बिटकॉइन टेक्नोलॉजी के प्रयोग से देश के वित्तीय इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए डिजिटल वॉलेट कम्पनी स्ट्राइक के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की। बिटकॉइन 2021 क्रिप्टोकरेंसी के इतिहास का सबसे बड़ा सम्मेलन है। इसमें प्रेसिडेंट बुकेले ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शिरकत करते हुते कहा कि वे बिटकॉइन को लीगल करेंसी बनाने के लिए अगले हफ्ते संसद में बिल लाएंगे।
दुनियाभर में होगी गूंज
डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म स्ट्राइक के संस्थापक जैक मेर्ल्स ने प्रेसिडेंट बुकेले की घोषणा पर कहा कि इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनी जाएगी। उन्होंने कहा कि बिटकॉइन दुनिया का सर्वोत्तम मौद्रिक नेटवर्क है। ये अब तक का महानतम रिज़र्व एसेट है। बिटकॉइन रखने से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को पारंपरिक करेंसी के झटकों से सुरक्षा मिलने का रास्ता मिलता है। जैक मेर्ल्स ने कहा कि अल सल्वाडोर के कदम से रोजमर्रा के इस्तेमाल में बिटकॉइन की ताकत और पोटेंशियल को जबरदस्त बूस्ट मिलेगा।
बैंक सुविधाओं से वंचित अल सल्वाडोर
सेंट्रल अमेरिका में स्थित अल सल्वाडोर एक कैश इकोनॉमी है जहां 70 फीसदी जनता के पास बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड नहीं हैं। इस देश की जीडीपी में 20 फीसदी योगदान विदेशों में काम करने वाले अप्रवासी लोगों द्वारा भेजे गए धन का है। विदेश से पैसा आने में मध्यस्थ काफी कमीशन काट लेते हैं और पूरी प्रक्रिया में समय अलग लगता है।
अल सल्वाडोर के प्रेसिडेंट बुकेले काफी लोकप्रिय हैं और उनका इरादा देश में नया वित्तीय इकोसिस्टम खड़ा करने का है। इसके लिए उन्होंने बिटकॉइन के एक्सपर्ट्स की एक टीम जुटाई है जो नए सिस्टम को तैयार करेगी। डिजिटल करेंसी के समर्थकों का कहना है कि वे अल सल्वाडोर को दुनिया के लिए एक मॉडल बना देंगे।