×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Covaxin Scam: कोवैक्सीन खरीद घोटाले में फंसे ब्राज़ील के प्रेसीडेंट

ब्राज़ील के प्रेसीडेंट जेर बोलसोनारो भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की खरीद को लेकर फंस गए हैं। आरोप है कि सामान्य से ऊंची दर पर कोवैक्सीन खरीद का सौदा किया गया।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 24 Jun 2021 12:49 PM IST (Updated on: 24 Jun 2021 1:59 PM IST)
Covaxin Scam: कोवैक्सीन खरीद घोटाले में फंसे ब्राज़ील के प्रेसीडेंट
X

नई दिल्ली: ब्राज़ील के प्रेसीडेंट जेर बोलसोनारो भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की खरीद को लेकर फंस गए हैं। आरोप है कि सामान्य से ऊंची दर पर कोवैक्सीन खरीद का सौदा किया गया। ब्राज़ील के संघीय अभियोजकों ने भारत बायोटेक से 320 मिलियन डॉलर में कोरोना वैक्सीन की 2 करोड़ डोज़ खरीदने के सौदे की जांच शुरू की है। अभियोजकों का कहना है कि नियामक के अप्रूवल के बगैर ऊंचे दाम में झटपट सौदा करने पर सवाल उठाए हैं। ये सौदा फरवरी में किया गया था। ब्राजील में कोरोना महामारी से निपटने में विफल रहने पर प्रेसीडेंट बोलसोनारो के खिलाफ सीनेट यानी संसदीय समिति की भी जांच चल रही है।

जांच के दौरान पता चला है कि वैक्सीनों की खरीद के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बोलसोनारो को बताया कि कोवैक्सीन की खरीद के लिए आंतरिक दबाव डाला जा रहा है। सीनेट की कमेटी और अभियोजक ये जांच कर रहे हैं कि सरकार ने भारत बायोटेक की महंगी वैक्सीनों के लिए सौदा क्यों पक्का किया जबकि साल भर पहले फाइजर के ऑफर को नजरअंदाज कर दिया था।

जांचकर्ताओं ने इस सिलसिले में लॉजिस्टिक्स विभाग के एक अधिकारी लुइस रिकार्डो मिरांडा को पूछताछ के लिए बुलाया। मिरांडा ने बताया कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एडुआर्डो पज़ुएल्लो के एक सहयोगी ने उसपर दबाव डाला था। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एडुआर्डो प्रेसीडेंट बोलसोनारो के सबसे खासमखास रहे हैं।

मिरांडा ने कहा कि उसने जब 20 मार्च को ये बात प्रेसीडेंट को बताई तो उन्होंने कहा कि वे फेडरल पुलिस के मुखिया से बात करेंगे। मिरांडा ने कहा कि उसने प्रेसीडेंट को सब दस्तावेज भी दिखाए थे।मिरांडा के सांसद भाई ने प्रेसीडेंट के साथ ये मीटिंग कराई थी। बाद में सांसद लुइस ने कहा कि दाम बढ़ा कर वैक्सीन खरीद की कोशिश की जा रही थी और इसके दस्तावेज मौजूद हैं। 23 जून को एक प्रेस ब्रीफिंग में प्रेसीडेंट बोलसोनारो के सचिव ओनिक्स लोरेन्जोनी ने कहा कि वैक्सीन खरीद में कोई दबाव नहीं डाला गया था और जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे फर्जी दस्तावेजों पर आधारित हैं।

बढ़ीं बोलसोनारो की दिक्कतें

बहरहाल, जांच से प्रेसीडेंट बोलसोनारो के लिए दिक्कतें बढ़ सकती हैं क्योंकि ये सवाल जरूर उठेंगे कि मिरांडा लुइस ने जब दबाव डाले जाने की बात बताई तब प्रेसीडेंट ने क्या कार्रवाई की थी। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एडुआर्डो पज़ुएल्लो के लिए भी मामला पेचीदा हो सकता है क्योंकि वो पहले से ही आपराधिक और सिविल जांचों में फंसे हुए हैं।

अब मिरांडा बंधुओं को सीनेट कमेटी के जांचकर्ताओं के समक्ष 25 जून को पेश हो कर गवाही देनी है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के सहयोगी एलेक्स मारिनहो को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। मारिनहो के बैंक , टेलीफोन और टैक्स रिकार्ड्स की पहले से जांच की जा रही है।

फरवरी में हुआ था सौदा

ब्राज़ील के संघीय अभियोजकों ने भारत बायोटेक से 320 मिलियन डॉलर में कोरोना वैक्सीन की 2 करोड़ डोज़ खरीदने के सौदे की जांच शुरू की है। अभियोजकों का कहना है कि नियामक के अप्रूवल के बगैर ऊंचे दाम में झटपट सौदा करने पर सवाल उठाए हैं। ये सौदा फरवरी में किया गया था।

रायटर्स की खबर के अनुसार, भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा है कि विदेशी सरकारों के लिए उसकी वैक्सीन के दाम लगातार 15 से 20 डॉलर के बीच रहे हैं। कम्पनी ने कहा है कि ब्राज़ील से फरवरी में करार हुआ था लेकिन अभी न तो औपचारिक परचेज़ आर्डर मिला है और न कोई वैक्सीन ही भेजी गई है। इसके अलावा अभी उसे अप्रूवल भी नहीं मिला है। दूसरी ओर ब्राज़ील की सरकार ने कहा है कि चूंकि मामला कानूनी समीक्षा में फंसा है इसलिए भारत बायोटेक को कोई भुगतान नहीं किया गया है।



\
Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story