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इराक में मौत का तांडव, नाक से खून बहने के बाद तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे लोग

Crimean-Congo Haemorrhagic Fever : कोरोना के खतरे के बीच इराक में संक्रामक रक्तस्रावी बुखार से अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। इलाज उपलब्ध ना होने के कारण यह संक्रमण तेजी से फैल रहा।

Bishwajeet Kumar
Written By Bishwajeet Kumar
Published on: 29 May 2022 9:04 AM GMT
Crimean-Congo Haemorrhagic Fever
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क्रीमिया-कांगो रक्तस्रावी बुखार (प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार : सोशल मीडिया)

Crimean-Congo Haemorrhagic Fever : दुनिया में व्याप्त कोरोना संक्रमण महामारी (Coronavirus) और मंकीपॉक्स (Monkeypox) जैसे वायरस के संक्रमण के बीच मध्य पूर्व एशियाई देश इराक में एक नए बीमारी ने वहां के स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी है। इस बीमारी का नाम 'क्रीमिया-कांगो रक्तस्रावी बुखार' (Crimean-Congo Haemorrhagic Fever) (CCFH) दिया गया है। इसमें पीड़ित को एक अजीब तरह का बुखार होता है इस तेज बुखार के बीच पीड़ित व्यक्ति के नाक से खून भी निकलने लगता है और अगर वक्त रहते रक्त स्त्राव पर काबू नहीं पाया गया तो पीड़ित की मौत हो जाती है।

कैसे फैलता है क्रीमिया-कांगो रक्तस्रावी बुखार?

मध्य पूर्व एशियाई देश इराक में क्रीमिया-कांगो रक्तस्रावी बुखार कि अब तक सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह बुखार एक वायरस जनित बीमारी है जिसके लिए मौजूदा वक्त में कोई भी टीका या दवा उपलब्ध नहीं है। पहला मामला इराक के एक ग्रामीण इलाके से सामने आया जहां गाय पर कीटनाशक का छिड़काव कर रहे स्वास्थ्य कर्मी को तेज बुखार के बाद नाक से खून आने लगा। जब संक्रमित स्वास्थ्य कर्मी की जांच की गई तो इस रक्तस्रावी बुखार के बारे में पता चला। अब तक मिले मामलों के आधार पर डब्ल्यूएचओ ने यह बताया है कि यह बुखार जानवरों में कीड़े के काटने से फैल रहा है। तथा इससे संक्रमित जानवर के संपर्क में यदि कोई मनुष्य आता है तो इस संक्रामक बुखार से वह मनुष्य विक संक्रमित हो जाता है।

अब तक मिले 111 मरीज, 19 संक्रमितों की हुई मौत

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक इराक में अब तक Crimean-Congo Haemorrhagic Fever - CCHF के कुल 111 मरीज पाए गए हैं। वहीं अब तक इस बीमारी से इराक में कुल 19 लोगों की मौत भी हो चुकी है एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह संक्रामक बुखार काफी तेजी से इराक में फैल रहा है। इसके डर से इराक के ज्यादातर इलाकों में स्वास्थ्य कर्मी अब कोरोनावायरस महामारी दौर की तरह ही पीपी किट पहन कर काम करने को मजबूर हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अब तक इराक में हर 3 में से एक मामले मौत के ऐसे आए हैं जिनमें पीड़ित नाक से ज्यादा खून बहने के कारण उसकी मौत हुई है। इसका कोई टीकाकरण और सटीक दवा उपलब्ध ना होने के कारण इराक में इसका संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है।

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